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बाजार नियामक SEBI से आई दो सबसे बड़ी खबरे, ट्रेडर्स और निवेशकर फौरन जान ले ये नया नियम वरना बाद में पड़ेगा पछताना

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क – बाजार नियामक सेबी ट्रेडिंग में पारदर्शिता लाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए लगातार फैसले लेता रहता है। ऐसे में सेबी के हर अपडेट की जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि जाने-अनजाने में कुछ ऐसा न हो जाए जो बाजार नियामक की डिक्शनरी में गलत हो। सेबी की तरफ से दो बड़ी खबरें सामने आई हैं, जिनके बारे में हर निवेशक और इक्विटी मार्केट से जुड़े लोगों को पता होना चाहिए।

ट्रेडिंग विंडो बंद
मार्केट रेगुलेटर ट्रेडिंग विंडो बंद करने को लेकर नया नियम बना रहा है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों का पैन भी फ्रीज कर दिया जाएगा। सेबी के मुताबिक, लिस्टेड कंपनियों के तिमाही नतीजों की घोषणा से पहले ट्रेडिंग विंडो के अपने आप बंद होने के प्रावधान में कुछ और लोगों को भी शामिल किया जाएगा। फिलहाल इस नियम के तहत कंपनी के डायरेक्टर और अधिकारी आदि शामिल हैं, लेकिन अब इन लोगों के करीबी रिश्तेदार भी इस दायरे में आएंगे। इसका मकसद इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन को रोकना है।

इसका क्या मतलब है?
ट्रेडिंग विंडो बंद होने का मतलब है कि कंपनी के इनसाइडर तिमाही नतीजों की घोषणा से पहले शेयरों की ट्रेडिंग नहीं कर सकते। सेबी ने अगस्त 2022 में ट्रेडिंग विंडो बंद होने के दौरान ट्रेडिंग रोकने के लिए डिपॉजिटरीज को दिशा-निर्देश जारी किए थे। पहले यह नियम निफ्टी-50 और सेंसेक्स जैसे बेंचमार्क इंडेक्स में शामिल कंपनियों पर लागू था। लेकिन जुलाई 2023 में इसे सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया और अब सेबी इसका दायरा बढ़ाने जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि कंपनी के अधिकारी या उनके करीबी रिश्तेदार गोपनीय जानकारी का फायदा उठाकर शेयरों की खरीद-फरोख्त न कर सकें।

इसकी अवधि क्या है?
सेबी ने अपने परामर्श पत्र में कहा है कि फ्रेमवर्क के प्रभावी क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए नामित व्यक्तियों के करीबी रिश्तेदारों को भी नियम के दायरे में लाने का प्रस्ताव है। इस परामर्श पत्र के अनुसार, करीबी रिश्तेदारों में ऐसे व्यक्ति या पति या पत्नी का जीवनसाथी, माता-पिता, भाई-बहन और बच्चे शामिल हैं जो शेयर बाजार से जुड़े हैं। बाजार नियामक का कहना है कि नामित व्यक्ति और उनके करीबी रिश्तेदार ट्रेडिंग विंडो बंद होने पर शेयर बाजार में कोई लेनदेन नहीं कर पाएंगे। ट्रेडिंग प्रतिबंध अवधि प्रत्येक तिमाही के अंत से लेकर वित्तीय परिणामों की घोषणा के 48 घंटे बाद तक लागू रहेगी।

ऐसी सलाह न दें और न ही फॉलो करें
सेबी की दूसरी खबर उन लोगों के लिए है जो किसी की सलाह पर शेयर बाजार में निवेश करते हैं या बिना कानूनी अधिकार के लोगों को ऐसी सलाह देते हैं। बाजार नियामक ने अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग और इससे जुड़े 5 अन्य संस्थानों से 53.67 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। यहां लोगों को बिना किसी कानूनी अधिकार के ट्रेडिंग टिप्स दिए जा रहे थे। सेबी की जांच में पाया गया है कि अस्मिता जितेश पटेल और कंपनी के अन्य अधिकारी लोगों को नौकरी छोड़कर ट्रेडिंग करने की सलाह देते थे।

सेबी ने लगाया बैन
अस्मिता ऑनलाइन कोर्स भी चलाती थीं और इसके लिए मोटी फीस लेती थीं। अस्मिता जितेश पटेल के सोशल मीडिया पर काफी फॉलोअर्स हैं और वह लोगों को अपने साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उन्हें ‘क्वीन ऑफ ऑप्शन ट्रेडिंग’ के नाम से भी जाना जाता है। जांच में पता चला है कि अस्मिता ने ऑनलाइन कोर्स के जरिए 104 करोड़ रुपये कमाए हैं। सेबी को शिकायत मिली थी कि अस्मिता की सलाह और कोर्स की वजह से लोगों को नुकसान हुआ है। उसी आधार पर कार्रवाई की गई है। सेबी ने बिना रजिस्ट्रेशन के शेयर बाजार में ट्रेडिंग की टिप्स देने वाले लोगों पर बैन लगा दिया है।

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