भारतीय शेयर बाजारों ने आज 31 जुलाई को शुरुआती गिरावट के बाद शानदार वापसी की। बीएसई सेंसेक्स सुबह के कारोबार में 786 अंकों की गिरावट के साथ 80,695.15 के स्तर तक पहुंच गया था। लेकिन वहां से इसने 952 अंकों की तेज छलांग लगाई और 81,647.71 तक पहुंच गया। निफ्टी ने भी 24,635 के निचले स्तर से उछाल मारते हुए 24,900 के ऊपर कारोबार किया और 24,906.05 के इंट्राडे हाई तक पहुंच गया।
1. भारत-अमेरिका ट्रेड डायलॉग की उम्मीदें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया हो, लेकिन उन्होंने साथ में यह भी कहा कि भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी रहेगी। बातचीत जारी रहने का मतलब है कि आगे दोनों देशों के बीच एक समझौता होने की उम्मीद बनी हुई है और इसी बात निवेशकों ने राहत की सांस ली है। एक्सपर्ट् का कहना है कि ट्रंप का टैरिफ ऐलान उनकी मोलभाव की रणनीति का हिस्सा है और बातचीत के बाद अंतिम टैरिफ की दर अभी के 25% से कम हो सकती है। एक्सपर्ट्स अगस्त के मध्य तक ट्रेड डील होने की उम्मीद कर रहे हैं।
2. भारतीय रुपये में तेजी
भारतीय रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे मजबूत होकर 87.66 पर पहुंचा। माना जा रहा है कि भारतीय रुपये को संभालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हस्तक्षेप कर सकती है। इससे रुपये को लेकर सेंटीमेंट बेहतर हुआ है। इससे एक दिन पहले बुधवार को भारतीय रुपया 89 पैसे तक टूट गया, जो इसमें पिछले तीन साल की सबसे बड़ी गिरावट थी।
3. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में कटौती की संभावना
अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखा है, लेकिन इसे लेकर उसके सदस्यों के बीच मतभेद सामने आए। फेडरल रिजर्व के वाइस चेयर मिशेल बोमन और गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर ने ब्याज दरों में कटौती की वकालत की है। हालांकि चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है। लेकिन बाजार उनके बयान से सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना देख रहे हैं। ब्याज दरें घटने से मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ती है, जो शेयर बाजार के लिए पॉजिटिव माना जाता है।
4. क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत में 0.19% की गिरावट आई और यह 73.10 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया। चूंकि भारत कच्चे तेल का बड़ा खरीदार है। ऐसे में तेल की कीमतों में गिरावट से महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलती है और चालू खाते के घाटे पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है।
5. ग्लोबल बाजार से मजबूत संकेत
एशियाई बाजारों में भी गुरुवार को कारोबार के दौरान तेजी देखी गई। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स करीब 1.5% चढ़ा। साथ ही अमेरिकी इक्विटी फ्यूचर्स भी भारतीय बाजार के समय के दौरान हरे निशान में थे। इससे ग्लोबल लेवल पर रिस्क सेंटीमेंट मजबूत हुआ और भारतीय निवेशकों को भी सपोर्ट मिला।