आपको जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन आजकल के युवा DADT रिलेशनशिप को काफी पसंद कर रहे हैं। DADT रिलेशनशिप में कपल्स अपनी निजी ज़िंदगी की हर बात एक-दूसरे से शेयर करना ज़रूरी नहीं समझते। वे अपने पार्टनर की निजता का सम्मान करते हैं और बिना किसी सवाल के एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। यह एक तरह का समझौता होता है, जहाँ रिश्ते को चलाने के लिए कुछ बातें न पूछने या न बताने (डोंट आस्क डोंट टेल) का फैसला लिया जाता है।
DADT रिलेशनशिप के फायदे
इस रिश्ते का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको अपनी आज़ादी मिलती है। आपको अपने दोस्तों के साथ घूमने या अपने शौक पूरे करने के लिए बार-बार अपने पार्टनर से इजाज़त नहीं लेनी पड़ती। इसके अलावा, जब आप एक-दूसरे के हर काम में दखलअंदाज़ी नहीं करते, तो झगड़े कम होते हैं। इससे रिश्ते में शांति बनी रहती है। साथ ही, DADT रिलेशनशिप में रहने वाले लोग ज़्यादा आत्मनिर्भर होते हैं। वे अपनी ज़िम्मेदारियाँ खुद संभालते हैं और छोटी-छोटी बातों के लिए पार्टनर पर निर्भर नहीं रहते। साथ ही, क्योंकि यह रिश्ता भरोसे पर टिका होता है। जब आप अपने पार्टनर को अपनी ज़िंदगी जीने की आज़ादी देते हैं, तो उसका आप पर भरोसा और भी मज़बूत हो जाता है।
DADT रिश्ते के नुकसान
कुछ लोग इसे रिश्ते की कमज़ोरी भी मानते हैं। अगर आप अपने पार्टनर से हर बात शेयर नहीं करते, तो उनके बीच का भावनात्मक बंधन कमज़ोर पड़ सकता है। जी हाँ, कुछ न पूछना या न बताना कई बार ग़लतफ़हमियों का कारण बन सकता है। अगर पार्टनर को कोई बात बुरी लगी हो और आप उससे न पूछें, तो यह बात आगे चलकर बड़ी समस्या बन सकती है। इसके अलावा, हर समय अपनी ही दुनिया में जीने से भी पार्टनर को कभी-कभी अकेलापन महसूस हो सकता है। उन्हें लग सकता है कि वे रिश्ते में होते हुए भी अकेले हैं। वहीं, अगर दोनों में से कोई एक इस रिश्ते की शर्तों का गलत फ़ायदा उठाता है, तो पार्टनर का भरोसा टूट सकता है। DADT रिश्ता कुछ लोगों के लिए बहुत अच्छा हो सकता है, लेकिन यह सभी के लिए सही नहीं है। किसी भी रिश्ते की तरह इसमें भी स्पष्टता और आपसी समझ बहुत ज़रूरी है। अगर दोनों पार्टनर खुश और सहज हैं, तो यह एक सफल रिश्ता साबित हो सकता है।