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बेंगलुरु भगदड़ मामले में आरसीबी के निखिल सोसाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 11 मौतों का लगा आरोप

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।। इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन का जश्न रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर पर भारी पड़ता दिख रहा है। आरसीबी के जश्न के दौरान एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई 11 लोगों की मौत और करीब 50 अन्य के घायल होने के मामले में बैंगलोर पुलिस ने कार्रवाई की है। इस जश्न में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी मौजूद थे। इस मामले में भाजपा ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। अब बैंगलोर पुलिस ने आरसीबी के एक अधिकारी समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष फरार है।

आरसीबी के मार्केटिंग हेड हैं निखिल सोसले

4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ के मामले में बैंगलोर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए निखिल सोसले आरसीबी के मार्केटिंग हेड हैं। उन्हें टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का करीबी भी माना जाता है। सोसले की बात करें तो वे 2025 सीजन में आरसीबी के हर आईपीएल मैच में नजर आए थे। कई मौकों पर उन्हें विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ स्टैंड में बैठे देखा गया। सोसले शुरुआती सालों से ही इस फ्रेंचाइजी से जुड़े हुए हैं। लिंक्डइन के मुताबिक, वह आईपीएल में अग्रणी ब्रांड और कमर्शियल प्रोग्राम के बिजनेस और मार्केटिंग चार्टर के डिजाइन, रणनीति और डिलीवरी का नेतृत्व करते हैं।

केएससीए के अधिकारी फरार
पुलिस ने डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के तीन कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया है। गिरफ्तार कर्मचारियों के नाम किरण, सुमंत और सुनील मैथ्यू हैं। उनसे कब्बन पार्क थाने में पूछताछ की जा रही है। इस थाने में भगदड़ को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में आरसीबी और इवेंट का आयोजन करने वाली कंपनी कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) को आरोपी बनाया गया है। पता चला है कि केएससीए के सचिव और कोषाध्यक्ष फरार हैं। पुलिस उनके घर पहुंची, लेकिन वे नहीं मिले।

बेंगलुरु भगदड़ मामले में आरसीबी के निखिल सोसाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 11 मौतों का लगा आरोप

कर्नाटक सरकार और आरसीबी ने 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की
कर्नाटक सरकार और आरसीबी ने हादसे में मारे गए 11 प्रशंसकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की है, जबकि सरकार ने कहा है कि घायलों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। हालांकि, सोशल मीडिया पर दोनों को जमकर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है।

कैसे जश्न मातम में बदल गया

सूत्रों के मुताबिक, आरसीबी प्रबंधन ने विजय परेड के बारे में ट्वीट करने से पहले पुलिस से सलाह नहीं ली। उनका ट्वीट वायरल हो गया और लाखों लोगों ने देखा। बाद में, उन्होंने परेड के लिए पुलिस से अनुमति मांगी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। यह कार्रवाई कर्नाटक सरकार द्वारा बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के बाद की गई है। सरकार ने इन अधिकारियों पर भगदड़ को रोकने के लिए उचित व्यवस्था नहीं करने का आरोप लगाया है।

आलोचनाओं के घेरे में कर्नाटक सरकार
इस घटना के लिए कर्नाटक सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। आलोचकों का कहना है कि भगदड़ सरकार की लापरवाही के कारण हुई। भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार स्टेडियम के अंदर आईपीएल 2025 की विजेता टीम के साथ तस्वीरें खिंचवा रहे थे, हालांकि उन्हें भगदड़ के बारे में जानकारी दी गई थी। घटना से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “आरसीबी प्रबंधन ने विजय परेड के बारे में ट्वीट करने से पहले पुलिस से सलाह नहीं ली।” इसका मतलब यह है कि आरसीबी ने बिना सोचे-समझे सोशल मीडिया पर जानकारी पोस्ट कर दी, जिससे भीड़ जमा हो गई और भगदड़ मच गई।

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