क्रिकेट न्यूज डेस्क।। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ के मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है। बीसीसीआई ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नई नीति की घोषणा की है। इसके लिए बोर्ड ने एक नई समिति बनाई है, जो इस मामले में दिशा-निर्देश तैयार करेगी। शनिवार को हुई बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया और इसकी जिम्मेदारी 3 सदस्यीय समिति को सौंपी गई है। 4 जून को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के जश्न के दौरान हुए हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी। शनिवार को हुई बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कुछ अहम फैसले लिए गए। इसमें सबसे अहम फैसला बेंगलुरु हादसे से जुड़ा था, जिस पर सभी की निगाहें टिकी थीं। बैठक के बाद बीसीसीआई ने बयान जारी किया और इसमें सबसे पहले बेंगलुरु में मची भगदड़ और अहमदाबाद विमान हादसे पर दुख जताया। इसके साथ ही बोर्ड ने भविष्य में बेंगलुरु हादसे जैसी घटनाएं न हों, इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति बनाई। 15 दिन के अंदर देनी होगी रिपोर्ट
बीसीसीआई ने अपने बयान में कहा कि 3 सदस्यीय समिति विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करेगी, जिसे भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान लागू किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष बोर्ड सचिव देवजीत सैकिया होंगे, जबकि बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और कोषाध्यक्ष प्रभतेज सिंह भी इसका हिस्सा होंगे। ये तीनों अधिकारी बोर्ड में सबसे शक्तिशाली पदों पर हैं। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस समिति को 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट और दिशा-निर्देश बोर्ड को सौंपने होंगे।
आरसीबी की जीत के बाद हुआ हादसा
3 जून को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आईपीएल 2025 के फाइनल में पंजाब किंग्स को हराकर अपना पहला खिताब जीता था। इस जीत के बाद पूरे बैंगलोर में जश्न का माहौल था। इसके बाद जब पूरी टीम अगले दिन 4 जून को बैंगलोर लौटी तो जश्न में शामिल होने के लिए प्रशंसकों की भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी। इस बीच, जब टीम विधान सौधा में कर्नाटक सरकार के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंची तो वहां पहले से ही लाखों लोग सड़कों पर मौजूद थे। इस दौरान भगदड़ मच गई और 11 प्रशंसकों की मौत हो गई। करीब 50 लोग घायल हो गए। इसके बाद जहां कर्नाटक सरकार, बेंगलुरु पुलिस और आरसीबी प्रबंधन सभी सवालों के घेरे में थे, वहीं बीसीसीआई पर भी सवाल उठ रहे थे। इसके बाद बीसीसीआई ने यह कहते हुए इस आयोजन से अपने हाथ धो लिए कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इसके लिए बोर्ड की काफी आलोचना हुई। इसके बाद ही बीसीसीआई ने जश्न को लेकर ठोस नीति की घोषणा की।