भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरा खत्म हो गया है। 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में नई भारतीय टीम ने अंग्रेजों के खिलाफ घरेलू मैदान पर 2-2 से सीरीज़ बराबर करने में कामयाबी हासिल की। इस लंबी सीरीज़ के दौरान कई बार ऐसी घटनाएँ हुईं जब टीम इंडिया के कई खिलाड़ी चोटिल हो गए। इसके बावजूद, अभिमन्यु ईश्वरन को किसी भी मैच में प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बनाया गया। उन्होंने इंडिया ए के लिए खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद, उन्हें टीम में जगह नहीं मिली।
ईश्वरन के पिता का बड़ा बयान
ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच से पहले, भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ी चोटिल हो गए थे। ऐसे में, ईश्वरन को उम्मीद थी कि उन्हें ओवल में मौका मिल सकता है। टीम प्रबंधन प्लेइंग 11 के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा था। लेकिन ईश्वरन को एक बार फिर निराशा हाथ लगी। उनके पिता रंगनाथन परमेश्वरन ने एक इंटरव्यू में ईश्वरन को बताया कि वह इस बात से बहुत परेशान हैं।
पिता अपने बेटे को समझाते हुए
रंगनाथन ने बताया कि आखिरी टेस्ट में न चुने जाने के बाद उन्होंने अपने बेटे से फ़ोन पर बात की। रंगनाथन ने कहा, ‘मेरा बेटा दलीप ट्रॉफी की तैयारी के लिए बैंगलोर जाएगा। वह वहाँ 10-12 दिन रुकेगा। फिर कुछ दिन देहरादून जाएगा और फिर बैंगलोर वापस जाएगा। पाँचवें टेस्ट के लिए न चुने जाने पर वह निराश था। उसे फ़ोन आने का इंतज़ार था। मैंने उससे कहा, ‘बेटा, तुमने अपना सपना जी लिया।’ उसने जवाब दिया, ‘मैं समझता हूँ। मैंने 23 साल तक अपना सपना जीया है। एक-दो मैचों में न चुने जाने से वह सपना नहीं टूटेगा।’
रंगनाथन ने आगे कहा, ‘वह इसलिए परेशान था क्योंकि उसका चयन नहीं हुआ था। जब मैंने उसे फ़ोन किया, तो उसने कहा, ‘पिताजी, मुझे अभी तक जगह नहीं मिली है।’ इसका मतलब है कि वह निराश था क्योंकि उसे अभी तक टीम में खेलने का मौका नहीं मिला है।
गौतम गंभीर ने दिलाया भरोसा
रंगनाथन ने यह भी बताया कि इंग्लैंड में चयन न होने के बावजूद, उनके बेटे को गौतम गंभीर से बात करके प्रेरणा मिली। गौतम गंभीर ने उन्हें भारतीय टीम में मौका मिलने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने यह भी कहा कि डेब्यू करने पर उन्हें लंबा मौका मिलेगा। उनका फैसला सिर्फ़ 1-2 मैचों के आधार पर नहीं होगा। रंगनाथन ने कहा, ‘गौतम गंभीर ने मेरे बेटे से बात करते हुए उसे भरोसा दिलाया कि ‘तुम सही काम कर रहे हो, तुम्हें मौका मिलेगा, तुम्हें लंबा मौका मिलेगा। मैं तुम्हें एक-दो मैचों के बाद टीम से बाहर नहीं करूँगा। मैं तुम्हें लंबा मौका दूँगा।’
ईश्वरन को पहले भी कई बार टीम में शामिल नहीं किया गया है। लेकिन उन्होंने हमेशा सकारात्मक रवैया बनाए रखा है। वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने मौके का इंतज़ार कर रहे हैं। उनके पिता का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की मेहनत और लगन पर गर्व है। उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन उनका बेटा भारतीय टीम के लिए ज़रूर खेलेगा।