Home मनोरंजन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से न हो अच्छी फिल्मों का मूल्यांकन: अनुपम खेर

बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से न हो अच्छी फिल्मों का मूल्यांकन: अनुपम खेर

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मुंबई, 23 नवंबर (आईएएनएस)। चार दशकों से लगातार अपनी एक्टिंग से दर्शकों का मनोरंजन करने वाले वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर गोवा में 56वें अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव में अपनी चार फिल्मों की प्रदर्शनी से बहुत खुश हैं।

उन्होंने अब खुलकर अपनी फिल्म ‘कैलोरी,’ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और फिल्म महोत्सव के महत्व को लेकर आईएएनएस से बातचीत की है।

फिल्म ‘कैलोरी’ के बारे में बात करते हुए अनुपम खेर ने आईएएनएस से कहा, “मुझे एक अभिनेता के तौर पर इस फिल्म का हिस्सा बनने का मौका मिला। मेरे हिसाब से, यह एक ऐसी कहानी है जो दुनिया को बताई जानी चाहिए। फिल्म की कहानी पर उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय त्रासदी के इर्द-गिर्द घूमती है। अगर एक भी व्यक्ति अपनी जान गंवा देता है, तो परिवार पर पड़ने वाला प्रभाव अथाह होता है। फिल्म इसी दर्द और परिस्थिति को दर्शाती है। मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे एक अभिनेता के तौर पर इस कहानी में योगदान देने का मौका मिला।

फिल्मों के लिए पुरस्कार और फिल्म समारोह अब कितने जरूरी हैं के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज भी छोटी, लेकिन अच्छी फिल्मों को पहचान दिलाने के लिए पुरस्कार और फिल्म समारोह दोनों ही जरूरी हैं। अपनी फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमारी फिल्म को कान फिल्म समारोह में दिखाया गया, और ‘कैलोरी’ को कनाडा के एक फिल्म समारोह में पुरस्कार मिला।

उन्होंने आगे कहा कि अक्सर इनके लिए मार्केटिंग बजट की कमी होती है, और समारोह इसके लिए एक आदर्श मंच प्रदान करते हैं। इस साल भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में, मैं उन गिने-चुने अभिनेताओं में से एक हूं जिनकी चार फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं।

अनुपम खेर एक्टर के साथ-साथ निर्माता और निर्देशक भी हैं, ऐसे में उनके लिए बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और फिल्म की सक्सेस कितनी मायने रखती है? बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बॉक्स ऑफिस फिल्म इंडस्ट्री का जरूरी हिस्सा है क्योंकि यह अगली फिल्म बनाने में मदद करता है। कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो दिल को छू जाती हैं लेकिन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन अच्छा नहीं होता। फिल्मों को कमाई जरूर करनी चाहिए, क्योंकि इससे इंडस्ट्री आगे बढ़ती है। लेकिन हर फिल्म का मूल्यांकन सिर्फ उसके बॉक्स ऑफिस नंबरों से नहीं किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस

पीएस/एएस

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