भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौता (मुक्त व्यापार समझौता) होने के बाद कई चीजों की कीमतों में कमी आ सकती है। इस समझौते के तहत ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की से लेकर हीरे, सोना, चांदी और पेट्रोलियम सहित कई वस्तुओं पर सीमा शुल्क कम कर दिया गया। इसके अलावा, ब्रिटेन भारत से फुटवियर और परिधान निर्यात पर सीमा शुल्क में कटौती कर सकता है, जिससे उसके निर्यात में और वृद्धि होगी। इसके अलावा मुक्त व्यापार समझौते से देश के युवाओं को भी लाभ मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिटेन में उनकी पढ़ाई और नौकरी आसान हो जाएगी। हालाँकि, इस समझौते पर अभी चर्चा होनी बाकी है।
मुक्त व्यापार की तुलना में कई चीजें सस्ती हैं
वर्तमान में ब्रिटेन से भारत आने वाली कारों पर 100 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया जाता है, लेकिन दोनों देशों के बीच एफटीए होने के बाद यह सस्ता हो सकता है। वाइन और स्कॉच व्हिस्की के अलावा ब्रिटेन से निर्यात होने वाली जगुआर लैंड रोवर की कीमत भी अब कम हो सकती है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 21.34 बिलियन डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों में वस्तुओं का व्यापार 21.33 अरब डॉलर का हुआ।
2030 तक व्यापार 120 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद
इस समझौते के बाद 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जबकि ब्रिटेन छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसे में इस समझौते के बाद कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।
जब एफटीए लागू हो जाएगा, तो ब्रिटेन के बाजार में 99 प्रतिशत भारतीय उत्पाद शुल्क मुक्त हो जाएंगे, जबकि भारतीय श्रमिकों को आव्रजन प्रणाली में बदलाव किए बिना ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति होगी। इसके अलावा भारतीय वस्त्र, फ्रोजन झींगा, आभूषण और रत्नों के निर्यात पर करों में कटौती की जाएगी।
ब्रिटेन में शून्य शुल्क पर आने वाले भारतीय उत्पादों में खनिज, रसायन, रत्न एवं आभूषण, प्लास्टिक, रबर, लकड़ी, कागज, वस्त्र, कांच, चीनी मिट्टी की वस्तुएं, यांत्रिक एवं विद्युत मशीनरी, हथियार/गोला-बारूद, परिवहन/वाहन, फर्नीचर, खेल के सामान, पशु उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं।