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भारत ने किया इंकार तो पाकिस्तान की शरण में आया बांग्लादेश, जानें क्या है पूरा मामला?

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भारत ने हाल ही में बांग्लादेश को अपनी ताकत और विस्तार दिखाया है। जिसके तहत बांग्लादेश के कुछ सामानों को भारत आने से रोकने का आदेश दिया गया है। दूसरी ओर, बांग्लादेश अब पाकिस्तान के तलवे चाट रहा है। कुछ महीनों से बांग्लादेश पाकिस्तान सरकार से 1971 के लिए माफ़ी मांगने और नुकसान की भरपाई करने के लिए बात कर रहा था। अब उन्होंने पाकिस्तान के व्यापारियों के लिए दरवाजे ऐसे खोल दिए हैं जैसे कुछ हुआ ही न हो। लेकिन बांग्लादेश सरकार ने पाकिस्तान को ऐसे आदेश दिए हैं, जिसकी पहले कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आइए आपको भी बताते हैं कि बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने किस तरह के आदेश जारी किए हैं।

पाकिस्तान के लिए वीज़ा नीति

बांग्लादेश पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए अपनी वीज़ा नीति को आसान बना रहा है। पाकिस्तान में बांग्लादेश के उच्चायुक्त इकबाल हुसैन खान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य दोनों देशों और पूरे क्षेत्र के बीच आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। शनिवार को पाकिस्तान में गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीटीसीसीआई) द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में खान ने कहा कि बांग्लादेश पाकिस्तान को पश्चिम एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में देखता है। खान ने कहा कि हम क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास में विश्वास करते हैं, यही वजह है कि हम पाकिस्तान के लिए, विशेषकर व्यापारियों के लिए वीजा व्यवस्था को आसान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने व्यापार प्रतिनिधिमंडलों को वीजा जारी करना शुरू कर दिया है।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार

खान ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार एक अरब डॉलर से अधिक हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि व्यापार में वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि दोनों देश सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कार्यक्रम में जीटीसीसीआई के अध्यक्ष बाउ मुनीर ने कहा कि भारत के बाद सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग) में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते पाकिस्तान और बांग्लादेश को आपसी लाभ के लिए क्षेत्रीय व्यापार अवसरों का उपयोग करना चाहिए।

भारत ने बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाये

भारत ने शनिवार को बांग्लादेश से केवल कोलकाता और न्हावा शेवा समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से तैयार कपड़ों के प्रवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया तथा पूर्वोत्तर में भूमि पारगमन चौकियों के माध्यम से उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। इस कदम से भारत के साथ बांग्लादेश के व्यापार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।

एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, सिले-सिलाए कपड़ों (आरएमजी) के अलावा प्लास्टिक, लकड़ी के फर्नीचर, कार्बोनेटेड पेय, प्रसंस्कृत खाद्य, फलों के स्वाद वाले पेय, कपास और कपास के कचरे को मेघालय, असम, त्रिपुरा और मिजोरम तथा पश्चिम बंगाल के फुलबारी और चंगराबांधा स्थित भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों और जांच चौकियों के माध्यम से भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बांग्लादेशी उपभोक्ता वस्तुओं पर नए प्रतिबंध भारत द्वारा अपने हवाई अड्डों और बंदरगाहों के माध्यम से तीसरे देशों को बांग्लादेशी निर्यात वस्तुओं के ट्रांस-शिपमेंट की लगभग पांच साल पुरानी व्यवस्था को समाप्त करने के पांच सप्ताह बाद लगाए गए हैं।

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