भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 30 जून, 2025 को समाप्त तिमाही के लिए दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में डिजिटल और दूरसंचार सेवाओं का विस्तार हुआ है। अप्रैल-जून 2025 तिमाही में इंटरनेट, टेलीफोन और डिजिटल मीडिया सेवाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो देश में डिजिटल कनेक्टिविटी के बढ़ते दायरे को दर्शाते हैं।
इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में वृद्धि
जून 2025 तक, भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 1002.85 मिलियन तक पहुँच गई, जो मार्च 2025 की तुलना में 3.48% अधिक है। इसमें 958.14 मिलियन वायरलेस इंटरनेट उपयोगकर्ता और 44.71 मिलियन वायर्ड इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़कर 979.71 मिलियन हो गई, जबकि नैरोबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या घटकर 23.14 मिलियन रह गई। यह आँकड़ा देश में इंटरनेट के उपयोग की व्यापकता और ब्रॉडबैंड सेवाओं की बढ़ती माँग को दर्शाता है।
वायर्ड और वायरलेस टेलीफ़ोन सेवाएँ
तिमाही में वायर्ड ग्राहकों की संख्या 47.49 मिलियन रही, जो तिमाही-दर-तिमाही 28.20% की वृद्धि दर्शाती है। वहीं, वायर्ड टेली-घनत्व 3.36% तक पहुँच गया। वायरलेस ग्राहकों की संख्या बढ़कर 1170.88 मिलियन हो गई, जो तिमाही-दर-तिमाही 0.61% की वृद्धि दर्शाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 42.33 करोड़ है।
औसत मासिक राजस्व कितना है?
जून 2025 में वायरलेस सेवाओं के लिए प्रति उपयोगकर्ता औसत मासिक राजस्व 186.62 रुपये रहा। प्रीपेड सेगमेंट के लिए 187 रुपये और पोस्टपेड सेगमेंट के लिए 182.72 रुपये। औसत MOU 1006 मिनट प्रति माह था, जिसमें प्रीपेड उपयोगकर्ता 1055 मिनट और पोस्टपेड उपयोगकर्ता 503 मिनट का उपयोग करते थे।
इस महीने में कितना डेटा उपयोग किया जा रहा है?
रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक ग्राहक प्रति माह 24 जीबी डेटा का उपयोग कर रहा है। मोबाइल कंपनियों को इस डेटा उपयोग पर 8.51 रुपये प्रति जीबी की दर से भुगतान मिलता है।
नए उपयोगकर्ता जुड़े
इस तिमाही में 71.20 लाख नए ग्राहक इंटरनेट सेवाओं से जुड़े। इनमें कुल वायरलेस ग्राहकों की संख्या 116 करोड़ से बढ़कर 117 करोड़ हो गई है। तिमाही-दर-तिमाही 0.61% की वृद्धि दर्ज की गई है।