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भारत में फिर बढ़ा टैबलेट का क्रेज! Apple नहीं ये कंपनी बनी नंबर 1, जानिए आपके लिए कौन सा है बेस्ट?

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2025 की पहली छमाही में भारतीय टैबलेट बाज़ार में गिरावट देखी गई है। IDC (इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन) के आंकड़ों से पता चला है कि टैबलेट शिपमेंट में साल-दर-साल 32.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। गिरावट के बावजूद, पहली छमाही में 21.5 लाख यूनिट्स की शिपमेंट हुई। आइए जानते हैं कि टैबलेट सेगमेंट में टॉप 5 में कौन सी कंपनियां छाई हुई हैं?

ये हैं टैबलेट सेगमेंट की टॉप 5 कंपनियां

एक आक्रामक ऑनलाइन अभियान की बदौलत, सैमसंग ने गिरते बाजार में भी टैबलेट बाज़ार पर अपनी पकड़ बनाए रखी है, कंपनी के पास कुल बाज़ार हिस्सेदारी का लगभग 41.3 प्रतिशत हिस्सा है। सैमसंग ने लेनोवो और ऐप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया है। लेनोवो 12.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि ऐप्पल 11.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है। Xiaomi 11.4 प्रतिशत के साथ चौथे और Acer 9.1 प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर है।

शिपमेंट में गिरावट क्यों?

भारतीय टैबलेट बाजार में गिरावट व्यावसायिक मांग में कमी के कारण है, खासकर सरकारी वित्त पोषित शिक्षा कार्यक्रमों में कमी के कारण, जिसका असर टैबलेट बाजार पर पड़ा है। आईडीसी के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही (2Q25) में शिपमेंट में साल-दर-साल 42.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि 2025 की पहली तिमाही में साल-दर-साल 18.4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। दूसरी ओर, व्यावसायिक शिपमेंट में साल-दर-साल 61.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण शिक्षा निविदाओं में 66.7 प्रतिशत की गिरावट और उद्यम मांग में 26.2 प्रतिशत की गिरावट है।

इन कारणों से मांग बढ़ी

शिपमेंट में गिरावट आई, लेकिन उपभोक्ता टैबलेट बाजार में पहली छमाही में साल-दर-साल 20.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एक मजबूत बिक्री रणनीति, अमेज़न प्राइम डे जैसे मौसमी सेल अभियान और लगातार स्कूल जाने के लिए प्रचार ने ई-कॉमर्स और खुदरा स्टोरों की बिक्री को बढ़ावा दिया है। बड़ी स्क्रीन, स्टाइलस डिवाइस और कम कीमत वाले एंट्री-लेवल मॉडल में बढ़ती रुचि ने भी मांग को बढ़ावा दिया है।

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