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भारत में 2022 से इंटर्नशिप के अवसरों में 103 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज : रिपोर्ट

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बेंगलुरु, 26 मार्च (आईएएनएस)। भारत में पिछले तीन वर्षों में इंटर्नशिप पोस्टिंग में 103 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

ग्लोबल मैचिंग और हायरिंग प्लेटफॉर्म ‘इनडीड’ की रिपोर्ट से पता चला है कि 2022 और 2025 के बीच इंटर्नशिप के अवसरों में वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि व्यवसाय शिक्षाविदों और उद्योग की अपेक्षाओं के बीच के अंतर को पाटने के लिए इंटर्नशिप पर दोगुना जोर दे रहे हैं।

अकेले 2024 में, इंटर्नशिप पोस्टिंग में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो भविष्य के लिए तैयार पेशेवरों को पोषित करने पर लगातार ध्यान केंद्रित करने को दर्शाती है।

रिपोर्ट ने इस वृद्धि का श्रेय एआई, डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल परिवर्तन के उदय को दिया, जिसके कारण कंपनियां हैंड-ऑन एक्सपीरियंस प्रदान करने के साथ टॉप टैलेंट को जल्दी से पहचानने और तैयार करने के लिए इंटर्नशिप का इस्तेमाल कर रही हैं।

इंटर्नशिप सर्च के मामले में दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र सबसे आगे हैं, जिनकी कुल सर्च में क्रमशः 7.2 प्रतिशत, 6.8 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, “युवा पेशेवरों के लिए, इंटर्नशिप उनके कौशल को निखारने, व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और उभरते करियर रास्तों का पता लगाने के लिए एक शक्तिशाली मंच प्रदान करती है। इंटर्नशिप केवल रिज्यूमे पर एक चेकबॉक्स नहीं है, यह पेशेवर दुनिया में पहला वास्तविक कदम है। आप जो कौशल सीखते हैं और जो अनुभव प्राप्त करते हैं, वे आपके करियर को आकार देते हैं।”

इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला कि कंपनियां अपने इंटर्न में कौशल के अलग-अलग मिश्रण की तलाश कर रही हैं, जिसमें 31.99 प्रतिशत के साथ कम्युनिकेशन स्किल सबसे ऊपर है। दूसरी मांग वाली क्षमताओं में 12 प्रतिशत अंग्रेजी दक्षता, 9 प्रतिशत विश्लेषणात्मक कौशल, 8 प्रतिशत एसईओ विशेषज्ञता, 8 प्रतिशत माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, 7 प्रतिशत पायथन प्रोग्रामिंग, 7 प्रतिशत माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस दक्षता और 6-6 प्रतिशत एचटीएमएल और जावा स्क्रिप्ट हैं।

भारत में औसत इंटर्नशिप स्टाइपेंड 25,432 रुपये प्रति माह है, लेकिन हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे और गुरुग्राम जैसे शहर इस राष्ट्रीय औसत से अधिक स्टाइपेंड देते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टाइपेंड के अलावा, दूसरे फायदों में वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन, फ्लेक्सिबल शेड्यूल, हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज और पेड सिक टाइम शामिल हैं।

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

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