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भारत सैटेलाइट कम्युनिकेशन में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार, 2033 तक तीन गुना बढ़ेगा बाजार : ज्योतिरादित्य सिंधिया

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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, 2024 में 4.3 अरब डॉलर मूल्य का भारतीय सैटकॉम बाजार 2033 तक तीन गुना बढ़कर 14.8 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जो इस क्षेत्र की आर्थिक और रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है।

इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा, “सैटकॉम समिट एक क्रांति की दहलीज है, एक ऐसी क्रांति जो आकाश में जन्मी है, सैटेलाइट द्वारा संचालित है, लेकिन जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर जीवन को बदलना है।”

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ग्लोबल डिजिटल परिवर्तन में अग्रणी बन गया है, जिसने केवल 20 महीनों में 4.8 लाख 5जी टावरों के माध्यम से भारत की 99.9 प्रतिशत आबादी को जोड़ा है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा, “साहसिक नीतिगत सुधारों और इनोवेशन के प्रति प्रतिबद्धता के साथ भारत सैटेलाइट कम्युनिकेशन में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है, साथ ही, देश यूनिवर्सल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा और प्रत्येक भारतीय को सशक्त बनाएगा।”

उन्होंने 900 करोड़ रुपए की नेशनल सैटकॉम मॉनिटरिंग फैसिलिटी की भी घोषणा की, जो स्पेक्ट्रम एसेट्स की सुरक्षा करेगी और भारत के सैटेलाइट गेटवे को मजबूत करेगी।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने आर्यभट्ट (1975) से लेकर चंद्रयान-3, आदित्य-एल1, निसार और अपकमिंग गगनयान तथा नेक्स्ट जेनरेशन रियूजेबल लॉन्च व्हीकल तक भारत की उल्लेखनीय यात्रा को याद करते हुए कहा कि स्पेस इनोवेशन में भारत एक अनुयायी से ग्लोबल लीडर बन गया है।

उन्होंने जोर देकर कहा, “भारत को केवल सैटेलाइट सर्विसेज का लाभार्थी ही नहीं बनना चाहिए , बल्कि देश को एक हब, एक निर्यातक और एक विश्वसनीय ग्लोबल पार्टनर बनना चाहिए।”

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल भारत निधि और यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के माध्यम से, सरकार ने 40,000 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ चुनौतीपूर्ण इलाकों में स्थित 38,260 दूरदराज के गांवों को जोड़ने का मिशन शुरू किया है, जिनमें से लगभग 29,000 गांव यानी लगभग 75 प्रतिशत पहले ही जुड़ चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वनवेब और जियो सैटेलाइट को जीएमपीसीएस लाइसेंस पहले ही प्रदान किए जा चुके हैं, जबकि स्टारलिंक को एक लेटर ऑफ इंटेंट मिला है, जिससे एक जीवंत सैटकॉम इकोसिस्टम का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

–आईएएनएस

एसकेटी/

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