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भावनाओं की तरह भाग्य का भरोसा नहीं, कब दोनों बदल जाऐं और बदल जाए जीवन

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जीवन में भावनाएं और भाग्य – ये दो ऐसे तत्व हैं, जिन पर न तो पूरी तरह से भरोसा किया जा सकता है और न ही इन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा सकता है। “भावनाओं की तरह भाग्य का भरोसा नहीं, कब दोनों बदल जाएं और बदल जाए जीवन” – यह कहावत अब केवल साहित्यिक बात नहीं रही, बल्कि यह आज के समय में हजारों लोगों की वास्तविकता बन चुकी है।

हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहां भावनाओं का उतार-चढ़ाव इंसान के फैसलों को गहराई से प्रभावित करता है। साथ ही, भाग्य का अप्रत्याशित व्यवहार भी कभी ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है, तो कभी सब कुछ छीन लेता है। हाल ही में घटित कई घटनाएं इस कथन की पुष्टि करती हैं।

एक घटना से बदल गई जिंदगी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले से एक घटना सामने आई, जहां एक साधारण परिवार की लड़की ने IAS परीक्षा पास कर ली। उसके पिता एक चाय की दुकान चलाते हैं और उसने पढ़ाई के लिए ऑनलाइन फ्री क्लासेज का सहारा लिया। कुछ साल पहले तक, इस परिवार की आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती थी। लेकिन बेटी के संघर्ष, भावना और थोड़े से भाग्य ने उनकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया।

यह उदाहरण बताता है कि कैसे एक छोटी सी भावनात्मक प्रेरणा और भाग्य का एक सही मोड़ जीवन की दिशा को पूरी तरह बदल सकता है।

फिल्मी दुनिया में भी दिखती है यही कहानी

बॉलीवुड की कई हस्तियों की कहानी भी इसी कथन को प्रमाणित करती है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी, जिन्हें कभी कोई जानता तक नहीं था, आज दुनिया भर में अभिनय के लिए पहचाने जाते हैं। उनके संघर्ष के दिनों में शायद किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह इंसान एक दिन रेड कार्पेट पर चलेगा। लेकिन भावना और भाग्य दोनों ने मिलकर उनके जीवन को नया आकार दिया।

मानसिक स्वास्थ्य और भाग्य का संबंध

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि भावनाएं केवल क्षणिक नहीं होतीं, वे हमारी सोच, निर्णय और भविष्य को प्रभावित करती हैं। जब व्यक्ति निराशा से गुजर रहा होता है, तब उसे ऐसा लग सकता है कि भाग्य भी उसके खिलाफ है। लेकिन जैसे ही भावनाएं बदलती हैं — आशा और आत्मविश्वास के साथ — वैसे ही जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। जब तक इंसान खुद पर विश्वास नहीं करता, तब तक भाग्य और भावनाएं उसके जीवन को नियंत्रित करती रहती हैं। लेकिन जिस दिन इंसान इन दोनों को समझना शुरू कर देता है, उसी दिन से जीवन उसकी अपनी मुट्ठी में आना शुरू हो जाता है। इसलिए, आज की दुनिया में यह समझना जरूरी है कि न भावनाएं स्थायी हैं और न ही भाग्य। पर यदि मन मजबूत हो, सोच सकारात्मक हो, तो जीवन किसी भी मोड़ पर बदल सकता है — और अच्छा बदल सकता है।

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