ये पंक्तियाँ, जो मुग़ल बादशाह शाहजहां और मुमताज की अमर प्रेम कहानी को जीवंत करती हैं, अब मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में एक बार फिर हकीकत बनकर सामने आई हैं। यहां के बिजनेसमैन आनंद प्रकाश चौकसे ने अपनी पत्नी मंजूषा चौकसे के लिए मोहब्बत की निशानी के रूप में ताजमहल की हूबहू नकल बनाकर एक भव्य घर का तोहफा दिया है।
प्यार की यह मिसाल बन गई आकर्षण का केंद्र
यह अनोखा घर अब स्थानीय लोगों के बीच ‘मिनी ताजमहल’ के नाम से मशहूर हो चुका है। सफेद संगमरमर से बने इस मकान की भव्यता, डिज़ाइन और कलाकारी देखने वालों को असली ताजमहल की याद दिला देती है। इसे देखने के लिए अब दूर-दूर से लोग बुरहानपुर पहुंचने लगे हैं।
3 साल में हुआ निर्माण, इंजीनियरों और कलाकारों की मेहनत
इस मिनी ताजमहल के निर्माण में करीब 3 साल का समय लगा। आनंद चौकसे ने बताया कि उन्होंने असली ताजमहल से प्रेरणा लेकर यह घर बनवाया और देश के बेहतरीन इंजीनियरों, वास्तुकारों और कलाकारों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा। घर का गुंबद, चारों कोनों पर मीनारें, नक्काशीदार दरवाजे और संगमरमर की चमक – हर हिस्सा बेहद बारीकी से बनाया गया है।
पत्नी के लिए एक प्रेम भरा उपहार
आनंद चौकसे ने कहा:
“शाहजहां ने मुमताज के लिए ताजमहल बनवाया था, मैं मुमताज नहीं बन सकता, पर अपनी पत्नी को ताजमहल जैसा कुछ जरूर देना चाहता था।”
यह घर सिर्फ एक ईमारत नहीं, बल्कि मोहब्बत और समर्पण की भावनात्मक अभिव्यक्ति है, जिसने सभी को भावुक कर दिया है।
ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर से जुड़ा है ताजमहल का गहरा नाता
दिलचस्प बात यह है कि मुमताज महल की मृत्यु बुरहानपुर में ही हुई थी और पहले ताजमहल यहीं बनना प्रस्तावित था। ऐसे में बुरहानपुर में ‘मिनी ताजमहल’ का निर्माण इतिहास और वर्तमान को जोड़ने वाली कड़ी जैसा प्रतीत होता है।