Home व्यापार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ने 10 जुलाई से इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट शुरू करने...

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ने 10 जुलाई से इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट शुरू करने की घोषणा की

6
0

मुंबई, 8 जुलाई (आईएएनएस)। कमोडिटी डेरिवेटिव्स के व्यापार के लिए भारत के टॉप प्लेटफॉर्म मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 10 जुलाई से इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट शुरू करेगा।

इस नई पेशकश का उद्देश्य ऐसे टूल्स की बढ़ती मांग को पूरा करना है, जो बिजली की कीमतों में उतार-चढ़ाव के जोखिमों को प्रबंधित करने में मदद करते हैं।

एमसीएक्स की प्रबंध निदेशक और सीईओ प्रवीणा राय ने कहा कि नया कॉन्ट्रैक्ट भारत के एनर्जी मार्केट को बेहतर, मजबूत और अधिक स्ट्रक्चर्ड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि यह लॉन्च बिजली मूल्य निर्धारण के लिए एक सस्टेनेबल और मार्केट-ड्रिवन अप्रोच प्राप्त करने के देश के लक्ष्य का समर्थन करेगा।

कॉन्ट्रैक्ट को जून में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

नियमों के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट का डेली प्राइस लिमिट 6 प्रतिशत होगा, जो किसी भी दिन 9 प्रतिशत तक जा सकता है। इसके अतिरिक्त, ट्रेडर्स के लिए प्रारंभिक मार्जिन रिक्वायरमेंट कम से कम 10 प्रतिशत या वोलेटिलिटी-बेस्ड मार्जिन, जो भी अधिक हो, होगी।

क्लाइंट पोजीशन पर भी सीमाएं होंगी, जो 3 लाख एमडब्ल्यूएच या मार्केट के ओपन इंटरेस्ट के 5 प्रतिशत पर सीमित होंगी, जो भी अधिक हो।

इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट चालू महीने के लिए चार कॉन्ट्रैक्ट और अगले महीनों के लिए तीन कॉन्ट्रैक्ट में उपलब्ध होगा।

ट्रेडिंग का पहला दिन लॉन्च महीने का पहला कारोबारी दिन होगा, जबकि आखिरी दिन कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने से एक दिन पहले होगा। वर्तमान में, इंडियन एक्सचेंज (आईईएक्स) इलेक्ट्रिसिटी फ्यूचर्स मार्केट के 90 प्रतिशत से अधिक को नियंत्रित करता है।

एमसीएक्स प्रतिस्पर्धी विकल्प प्रदान करने के लिए स्पॉट प्राइस के साथ काम करने का इरादा रखता है। एक्सचेंज का मानना है कि यह कदम समय पर उठाया गया है, क्योंकि भारत में बिजली क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और खासकर बदलती मांग, ईंधन लागत और बाजार की स्थितियों के कारण बेहतर मूल्य स्थिरता की आवश्यकता है।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि नया फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट बिजली उत्पादकों और निवेशकों दोनों को अस्थिरता को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और भविष्य के उत्पादन की योजना बनाने में मदद करेगा। इस पहल को भारत के अधिक सस्टेनेबल एनर्जी फ्यूचर की ओर ट्रांजिशन की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।

–आईएएनएस

एसकेटी/

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here