इन दिनों भारत में आस्था का पर्व महाकुंभ चल रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु आ चुके हैं। और करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। आज यानी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का पावन अवसर था और इस पावन अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने प्रयागराज पहुंचे।लेकिन सुबह-सुबह भक्तों के लिए बहुत बुरी खबर आई। प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मच गई और यह भगदड़ इतनी भयानक थी कि इस भगदड़ में करीब 30 लोगों की मौत हो गई। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस भगदड़ में हुई मौत के लिए मुआवजा दिया जाएगा। क्या ऐसे मामलों में सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने का कोई प्रावधान है? आइये हम आपको बताते हैं। इस संबंध में क्या नियम हैं?
भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ तक सभी ने इस भयानक हादसे पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस भगदड़ में मरने वालों के लिए 5-5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। इसलिए घायलों को एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे।इसलिए रेलवे सभी मृतकों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा भी देगा। जब ऐसी घटना सार्वजनिक स्थान पर होती है तो सरकार द्वारा मुआवजा जारी किया जाता है। पिछले साल हाथरस में मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। उस भगदड़ में भी सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया गया था।अगर कहीं भी किसी प्रकार की दुर्घटना घटित होती है। इसलिए, मुआवजे की राशि तय करने के लिए सरकार कई बातों और तथ्यों को ध्यान में रखती है। जैसे कि पीड़ितों को कितना नुकसान हुआ। उनके इलाज पर कितना खर्च आएगा? यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो सरकार अंतिम संस्कार के खर्च और परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मुआवजे की राशि तय करती है।