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‘मिस्टर इंडिया’ के 38 साल पूरे, वर्धन पुरी ने साझा किए दादा ‘मोगैंबो’ के राज

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मुंबई, 25 मई (आईएएनएस)। हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी के पोते और अभिनेता वर्धन पुरी साइंस फिक्शन फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ के 38 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस फिल्म में उनके दादा ने ‘मोगैंबो’ की शानदार भूमिका निभाई थी। यह दमदार खलनायक का किरदार था।

वर्धन पुरी ने आईएएनएस को बताया कि उनके दादा अमरीश पुरी ने ‘मिस्टर इंडिया’ फिल्म में जो खलनायक का किरदार निभाया था, वह दुनिया भर के दर्शकों को याद है और आज भी पसंद किया जाता है। मोगैंबो जैसा किरदार लोगों के दिलों में बसा हुआ है।

वर्धन पुरी ने कहा, “मोगैंबो दुनिया के सबसे यादगार और मशहूर किरदारों में से एक है, और वक्त के साथ उनकी अहमियत और भी बढ़ती जा रही है। ‘मोगैंबो खुश हुआ’ डायलॉग का जो असर दुनियाभर की फिल्मों पर पड़ा है, वो इस बात का सबूत है कि मेरे दादा अमरीश पुरी, निर्देशक शेखर कपूर और लेखक जावेद अख्तर ने मिलकर इस किरदार को मेहनत के साथ बनाया था।”

उन्होंने आगे कहा, “मोगैंबो के किरदार की हर बात लोगों को बहुत पसंद आई, जैसे उनका डायलॉग बोलने का अंदाज, बड़ी-बड़ी आंखें, भारी आवाज, गोल्डन और ब्लैक कॉस्ट्यूम, विग, अंगूठियां और हाथ में छड़ी। यह देखकर बड़ों के साथ-साथ खासतौर पर बच्चे भी उनके फैन हो गए।”

वर्धन ने कहा, “मोगैंबो को इतना खास और यादगार बनाने का बहुत सारा श्रेय शेखर कपूर सर को जाता है। उन्होंने मेरे दादा जी को सलाह दी थी कि इस किरदार को ऐसे निभाओ जैसे तुम बच्चों के लिए शेक्सपियर का नाटक कर रहे हो। क्योंकि एक बार जब कोई बच्चा किसी खलनायक से प्यार करने लगता है, तो उसे हमेशा के लिए याद रखा जाता है।”

‘मिस्टर इंडिया’ का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था। वहीं इसकी कहानी सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी थी। बता दें कि यह फिल्म सलीम-जावेद की साथ में लिखी आखिरी फिल्म थी। इसके बाद दोनों ने अलग-अलग काम करना शुरू कर दिया था।

वर्धन पुरी के फिल्मी करियर पर नजर डालें तो उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘ये साली आशिकी’ से की थी। इसके बाद वह फिल्म ‘बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी’ में नजर आए।

–आईएएनएस

पीके/केआर

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