मुंबई के युवा और संघर्षशील क्रिकेटर रवींद्र गोपीनाथ संते को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें भारत की मिक्स्ड डिसेबिलिटी क्रिकेट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। यह टीम आगामी इंग्लैंड दौरे पर 7 मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला खेलेगी। इस ऐतिहासिक सीरीज का तीसरा मुकाबला 25 जून को विश्व प्रसिद्ध लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा।
रवींद्र का यह चयन न केवल उनके क्रिकेट कौशल का प्रमाण है, बल्कि उनके अदम्य जज्बे और संघर्ष की कहानी को भी सामने लाता है। बचपन में लकवे (पैरालिसिस) के अटैक का सामना करने वाले रवींद्र के लिए क्रिकेट का मैदान तक पहुंचना किसी सपने से कम नहीं था। लेकिन उन्होंने इस सपने को हकीकत में बदलने की ठान ली थी। सीमित शारीरिक क्षमताओं के बावजूद रवींद्र ने न केवल मैदान में डटे रहने की हिम्मत दिखाई, बल्कि मुंबई के प्रमुख लोकल टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन कर क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा।
डोम्बिवली जैसे मध्यमवर्गीय इलाके से निकलकर, जहां संसाधन और सुविधाएं सीमित होती हैं, वहां से लॉर्ड्स की पिच तक का सफर करना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता। रवींद्र का चयन इंग्लैंड दौरे के लिए न केवल मुंबई बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
भारत की मिक्स्ड डिसेबिलिटी क्रिकेट टीम में विभिन्न शारीरिक चुनौतियों से जूझ रहे खिलाड़ी शामिल हैं, जो क्रिकेट के प्रति अपने जुनून और प्रतिभा के दम पर मैदान में उतरते हैं। रवींद्र संते जैसे खिलाड़ी इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश देते हैं कि कोई भी शारीरिक बाधा आपके सपनों के आड़े नहीं आ सकती, यदि आपके इरादे मजबूत हों।
इस सीरीज के माध्यम से भारत और इंग्लैंड की मिक्स्ड डिसेबिलिटी टीमें समावेशी खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम उठा रही हैं। क्रिकेट को हर वर्ग के लिए सुलभ और प्रेरणादायक बनाने के इस प्रयास में रवींद्र जैसे खिलाड़ी मिसाल बनकर उभरे हैं।
अब जब भारत की यह खास टीम इंग्लैंड में अपने क्रिकेट कौशल का प्रदर्शन करने जा रही है, देश की निगाहें उनके प्रदर्शन पर टिकी होंगी। खासकर लॉर्ड्स स्टेडियम में होने वाला तीसरा मैच ऐतिहासिक साबित हो सकता है, क्योंकि यह उन खिलाड़ियों की मेहनत, संघर्ष और जज्बे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दर्शाने का सुनहरा मौका होगा।