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मुंबई में 2025 की पहली छमाही हुआ 75,982 प्रॉपर्टी का पंजीकरण

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मुंबई, 30 जून (आईएएनएस)। मुंबई सिटी (बीएमसी के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र) में 2025 की पहली छिमाही (जनवरी-जून) अवधि में 75,982 प्रॉपर्टी का पंजीकरण हुआ है। इसमें सालाना आधार पर 5 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन प्रॉपर्टी पंजीकरणों से राजस्व सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 6,727 करोड़ रुपए हो गया। साथ ही बताया कि इन दोनों मानकों ने 2013 के बाद से सबसे मजबूत छमाही प्रदर्शन किया है।

रिपोर्ट में बताया गया कि मुंबई में जून महीने में 11,521 प्रॉपर्टी का पंजीकरण हुआ, इसमें सालाना आधार पर 1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जबकि इन पंजीकरणों से राजस्व 1,031 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना से 2 प्रतिशत अधिक है। इन पंजीकरणों में 80 प्रतिशत से अधिक आवासीय थे।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “मुंबई का आवासीय बाजार खरीदारों के विश्वास को दर्शाता है, क्योंकि पंजीकरण लगातार 11,000 से ऊपर बना हुआ है। विशेष रूप से उत्साहजनक बात यह है कि इस निरंतर मांग के कारण शहर में प्रॉपर्टी पंजीकरण छमाही आधार पर एक दशक से अधिक समय में सबसे मजबूत रहा है।”

रिपोर्ट में बताया गया, “हमने मिड-प्राइस सेगमेंट में कुछ ठंडापन देखा है, लेकिन 5 करोड़ रुपए से अधिक के घरों की मांग मजबूत बनी हुई है।”

जून में खरीदार गतिविधि में एक अलग बदलाव देखने को मिला, जिसमें गति उच्च मूल्य वर्गों की ओर झुकी हुई थी। 5 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाली संपत्तियों के पंजीकरण का हिस्सा पिछले साल जून में 5 प्रतिशत से बढ़कर 6 प्रतिशत हो गया।

1,000 वर्ग फुट तक के अपार्टमेंट जून में मुंबई के आवासीय पंजीकरणों पर हावी रहे, जो सभी लेन-देन का 84 प्रतिशत था, जो जून 2024 में 83 प्रतिशत की तुलना में मोटे तौर पर स्थिर है।

इसमें 500-1,000 वर्ग फुट सेगमेंट सबसे लोकप्रिय रहा, जिसका शेयर 44 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो गया।

500 वर्ग फुट तक की इकाइयों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 39 प्रतिशत पर स्थिर रही। बड़े अपार्टमेंट ने अपनी उपस्थिति बनाए रखी, 1,000-2,000 वर्ग फुट आकार वाली इकाइयों की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहीं और 2,000 वर्ग फुट से ऊपर की इकाइयों की हिस्सेदारी 3 प्रतिशत पर स्थिर रहीं।

–आईएएनएस

एबीएस/

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