केल्विनेटर, जो कभी भारतीय बाज़ार में जाना-पहचाना नाम था, 1960-80 के आसपास की बात है। यानी लगभग 50 साल पहले। फ़िलहाल, यह कंपनी भारतीय बाज़ार में गुमनाम है। लेकिन अब कंपनी के दिन फिर सकते हैं। देश के सबसे अमीर आदमी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस कंपनी को खरीद लिया है।
दरअसल, रिलायंस रिटेल ने मशहूर अमेरिकी कंपनी केल्विन्टर का अधिग्रहण कर लिया है। इस सौदे की घोषणा 18 जुलाई, 2025 को की गई थी। हालाँकि, यह खुलासा नहीं किया गया है कि यह सौदा कितने में हुआ है। रिलायंस रिटेल द्वारा अधिग्रहण के बाद अब केल्विनेटर का पुनर्जन्म होने की संभावना है।
केल्विनेटर कंपनी क्या बनाती है? केल्विनेटर कंपनी रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और रसोई के उपकरण बनाती है। 1970 और 80 के दशक में इस कंपनी के उत्पादों की भारत में काफी माँग थी। इसके उत्पाद मज़बूत और अच्छे थे। लोग इस पर भरोसा करते थे। 50 साल पहले केल्विनेटर एक बेहतरीन ब्रांड के रूप में पहचाना जाता था।
इस बड़ी डील के बाद, रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) की कार्यकारी निदेशक ईशा अंबानी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य हमेशा से हर भारतीय की ज़रूरतों को पूरा करना रहा है। हम चाहते हैं कि सभी के पास अच्छी तकनीक तक पहुँच हो जो उनके लिए कारगर हो और भविष्य के लिए तैयार हो।’
उन्होंने कहा कि केल्विनेटर को खरीदना हमारे लिए एक बड़ा कदम है। इससे हम देश के लोगों को और भी बेहतर उत्पाद उपलब्ध करा पाएँगे। क्योंकि हमारे पास स्टोर्स का एक बड़ा नेटवर्क है। रिलायंस अपने 19,340 स्टोर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के नेटवर्क के ज़रिए केल्विनेटर को वापस भारत लाने की योजना बना रहा है। साथ ही, रिलायंस की डिजिटल कॉमर्स रणनीति, जिसमें रिलायंस डिजिटल और जियोमार्ट शामिल हैं, ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा दे सकती है।
केल्विनेटर का इतिहास: केल्विनेटर की स्थापना 1914 में अमेरिका के नाथनियल बी. वेल्स और अर्नोल्ड एच. गॉस ने की थी। इस ब्रांड ने रेफ्रिजरेशन तकनीक का बीड़ा उठाया और इसका नाम वैज्ञानिक लॉर्ड केल्विन के नाम पर रखा गया। कैल्विनेटर ने 1963 में भारत में प्रवेश किया और अपने रेफ्रिजरेटरों की विश्वसनीयता और ‘सबसे शानदार’ टैगलाइन के साथ घर-घर में जाना-पहचाना नाम बन गया।
कैल्विनेटर ने 1970 और 1980 के दशक में भारत में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराई, जब यह गोदरेज और ऑलविन के साथ बाज़ार में अग्रणी था। हालाँकि, 1990 के दशक में उदारीकरण के बाद, एलजी, सैमसंग और व्हर्लपूल जैसे वैश्विक ब्रांडों से प्रतिस्पर्धा के कारण इसकी चमक फीकी पड़ गई।
2000 के दशक में, भारतीय बाज़ार में केल्विनेटर की उपस्थिति कमज़ोर पड़ गई, हालाँकि आज केल्विनेटर के पोर्टफोलियो में रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और माइक्रोवेव ओवन शामिल हैं। अब रिलायंस इसे फिर से घर-घर पहुँचाने की योजना बनाएगी।
वर्तमान में केल्विनेटर के उत्पाद बाज़ार में हैं… सिंगल-डोर रेफ्रिजरेटर: 95 लीटर से 201 लीटर (1-3 स्टार रेटिंग), कीमत 10,590 रुपये से 15,190 रुपये। डबल-डोर रेफ्रिजरेटर: 252 लीटर से 275 लीटर (2-3 स्टार), कीमत 22,490 रुपये से 23,490 रुपये। साइड-बाय-साइड रेफ्रिजरेटर: 500 लीटर, कीमत 75,600 रुपये।