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यूट्यूब पर लॉन्च हुआ म्यूजिक बनाने का नया AI फीचर, यहां जानिए इस नए टूल के बारे में सबकुछ

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यूट्यूब ने 2023 में क्रिएटर म्यूजिक मार्केटप्लेस लॉन्च किया, जिसे क्रिएटर्स के लिए संगीत लाइसेंसिंग प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अब लॉन्च किया गया म्यूजिक असिस्टेंट इस बाज़ार में एक नया अतिरिक्त है। यह एआई तकनीक का उपयोग करता है, जिससे रचनाकारों को टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के माध्यम से कस्टम संगीत बनाने की अनुमति मिलती है। यूट्यूब ने इससे पहले ड्रीम ट्रैक फीचर लॉन्च किया था जो आपको लोकप्रिय कलाकारों की शैली में 30 सेकंड की संगीत क्लिप बनाने की अनुमति देता है। संगीत सहायक का हिस्सा माना जाता है।

कॉपीराइट एवं रॉयल्टी मुक्त

संगीत सहायक का मुख्य काम रचनाकारों को उनके वीडियो के लिए कस्टम वाद्य संगीत तैयार करने में मदद करना है। इसके लिए रचनाकारों को पहले एक पाठ संकेत उपलब्ध कराना होगा। इसमें पहले से ही कई संकेत मौजूद हैं, जो आपको सुझावों में मिलेंगे। प्रॉम्प्ट देने के बाद आपको आउटपुट में 4 ऑडियो सैंपल मिलेंगे, जिन्हें आप अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं। ये नमूने अलग-अलग उपकरणों और मूड पर निर्भर होंगे। जैसे पियानो, तार, ड्रम या इलेक्ट्रॉनिक्स सिंथेसाइज़र। खास बात यह है कि इसमें संगीत भी उपलब्ध होगा। यह पूर्णतः रॉयल्टी मुक्त एवं कॉपीराइट संरक्षित होगा। इसका मतलब यह है कि इसके इस्तेमाल पर कोई कानूनी दावा नहीं उठेगा।

नये टूल तक कैसे पहुंचें?

आपको बता दें कि अभी म्यूजिक असिस्टेंट को केवल अमेरिका के यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम के सदस्यों के लिए ही उपलब्ध कराया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसके लागू किये जाने की घोषणा नहीं की गई है। टूल तक पहुंचने के लिए, क्रिएटर्स को यूट्यूब स्टूडियो में क्रिएटर्स म्यूजिक सेक्शन में जाना होगा, जहां म्यूजिक असिस्टेंट विकल्प एक अलग टैब में मिलेगा।

अब समझें AI तकनीक की जानकारी

यूट्यूब ने कुछ तकनीकी विभागों जैसे ट्रैक्स की संख्या, ऑडियो गुणवत्ता और फ़ाइल प्रारूपों के बारे में जानकारी नहीं दी है। इसके AI मॉडल के बारे में कोई खास जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन जेमिनी के आइकन से पता चलता है कि यह गूगल के जेमिनी पर आधारित है।

इसका संगीत उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है

म्यूजिक असिस्टेंट के लॉन्च से म्यूजिक लाइसेंसिंग उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। स्टॉक और कस्टम संगीत कंपनियों को इससे समस्या हो सकती है। इसकी विशेषताओं के कारण संगीत उद्योग में विवाद बढ़ सकते हैं।

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