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रणबीर ने रिजेक्ट की थी दीपिका पादुकोण की ये फिल्म, निभाया ऐसा किरदार जो बन गया करियर का ‘टर्निंग पॉइंट’

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बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने अपने करियर में कई आइकॉनिक रोल निभाए हैं और आज वह सफलता के जिस शिखर पर हैं, उस तक पहुंची हैं। ‘पीकू’, ‘बाजीराव मस्तानी’, ‘पद्मावत’, ‘राम-लीला’ या ‘तमाशा’ जैसी फिल्मों में दीपिका के रोल को मॉडर्न बॉलीवुड की दमदार महिला किरदारों में गिना जाता है। लेकिन पहली फिल्म जिससे आम दर्शकों और आलोचकों ने दीपिका की प्रतिभा को गंभीरता से लिया, वह थी ‘कॉकटेल’ (2012)। आधुनिक प्रेम त्रिकोण को दर्शाती इस फिल्म को जिसने भी देखा होगा, शायद ही कोई इसे पूरी तरह भूल पाया हो। ‘कॉकटेल’ एक दशक से भी ज्यादा समय पहले आई थी, लेकिन जिस तरह से फिल्म ने मॉडर्न जमाने में प्यार की कहानी को पेश किया, वह आज भी ताजा लगता है। अगर आपने यह फिल्म नहीं देखी है, तो आपके पास इसका जादू फिर से बड़े पर्दे पर देखने का मौका है और अगर देख चुके हैं, तो इसे फिर से जीने का यह मौका है। ‘कॉकटेल’ 30 मई को सिनेमाघरों में फिर से रिलीज होने जा रही है।

दीपिका के आइकॉनिक किरदारों में से एक वेरोनिका फिर से बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जब दीपिका के सामने इस फिल्म की स्क्रिप्ट थी, तब रणबीर कपूर ने उन्हें यह फिल्म करने से मना कर दिया था। चलिए आपको बताते हैं कि ऐसा क्या हुआ था।

‘कॉकटेल’ में दीपिका पादुकोण (साभार: सोशल मीडिया) वेरोनिका क्यों आइकॉनिक है? ‘कॉकटेल’ में दीपिका का किरदार वेरोनिका एक ऐसी लड़की थी, जिसे समाज की हर परिभाषा के हिसाब से ‘मॉडर्न लड़की’ कहा जाएगा। अपनी शर्तों पर जीना, भावनात्मक प्रतिबद्धता से बचना, सुपरकूल ‘पार्टी गर्ल’ जिसका मतलब बस आज से मतलब है। वेरोनिका एक ऐसी लड़की थी, जिसे जीवनसाथी नहीं चाहिए था। उसके लिए दिन (या रात) को संतुष्ट तरीके से बिताने के लिए एक साथी मिल जाना ही काफी है।

ऐसा नहीं था कि वेरोनिका में भावनाओं की कमी थी। लेकिन शायद वह ज़्यादा भावुक थी और इस तरह रहकर वह खुद को किसी लंबे भावनात्मक नुकसान से बचा रही थी। समाज की आदर्श परिभाषाओं के अनुसार एक सुसंस्कृत-विनम्र-घराने की मीरा (डायना पेंटी) की एंट्री होती है, जो शादी टूटने के सदमे से गुजर रही है। फिर इस कहानी में गौतम (सैफ अली खान) की एंट्री होती है। जो आया था, वेरोनिका के साथ था, लेकिन मीरा के अंदाज को देखकर वह उससे प्यार करने लगता है।

कहानी में ट्विस्ट यह है कि निर्देशक होमी अदजानिया द्वारा तैयार की गई यह कॉकटेल अब कहानी को इस एंगल से एक्सप्लोर करना शुरू करती है कि क्या वेरोनिका जैसी लड़की एक स्थिर रिश्ते और प्यार की हकदार नहीं है? क्या यह सिर्फ एक लड़के के लिए एक मजेदार साथी बनने के लिए है? दीपिका ने जिस तरह से वेरोनिका के किरदार की इन परतों को पर्दे पर उतारा है, वह इसके बारे में सुनने या पर्दे पर देखने से कहीं बेहतर है।

रणबीर नहीं चाहते थे कि दीपिका ‘कॉकटेल’ करें। ‘कॉकटेल’ ने दीपिका के करियर की दिशा इस तरह बदली कि इस फिल्म के बाद लोगों ने उनकी एक्टिंग प्रतिभा को नोटिस करना शुरू कर दिया। दीपिका ने खुद भी इस बात को स्वीकार किया है। लेकिन जब दीपिका के सामने इस फिल्म की स्क्रिप्ट आई, तो उनके करीबी दोस्त रणबीर कपूर ने उन्हें यह फिल्म न करने की सलाह दी। 2015 में ‘तमाशा’ के प्रमोशन के दौरान NDTV से बातचीत में दीपिका ने बताया कि जब वह ‘कॉकटेल’ की शूटिंग के लिए लंदन जाने की तैयारी कर रही थीं, तब रणबीर ने उनसे कहा था कि इस समय वेरोनिका का रोल उनके लिए ठीक नहीं है।

खुद रणबीर ने इस बातचीत में कहा था, ‘उन्हें ‘कॉकटेल’ में कुछ खास दिख रहा था, जो शायद मुझे नहीं दिख रहा था। इसलिए मैंने कहा- ‘जब इतने अच्छे डायरेक्टर आपके साथ काम करने का इंतजार कर रहे हैं, तो आप यह फिल्म क्यों कर रही हैं? आप उनकी फिल्में क्यों नहीं कर रही हैं?’ मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से उनका फैसला और उनकी सहज प्रवृत्ति थी, जो मुझसे बेहतर थी। लेकिन हां, एक दोस्त के तौर पर मैंने उनसे यह सवाल पूछा था।’ हालांकि, रणबीर ने यह भी कहा कि ‘कॉकटेल’ देखने के बाद भी वह इस फिल्म के बहुत बड़े प्रशंसक नहीं हैं। दीपिका ने बाद में कई इंटरव्यू में माना कि ‘कॉकटेल’ उनके करियर का ‘टर्निंग पॉइंट’ थी। कुछ साल पहले हार्पर बाजार को दिए गए एक इंटरव्यू में दीपिका ने कहा था, ‘मुझे लगा कि मैं आखिरकार सिनेमा के माध्यम, लोगों और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को समझ गई हूं। मैं खुद के साथ और अधिक सहज हो गई और मुझे हर चीज का मतलब समझ में आने लगा। जब आप एक बाहरी व्यक्ति के रूप में फिल्म उद्योग को देखते हैं, तो आप इसे एक निश्चित तरीके से कल्पना करते हैं और अब मुझे इससे डर नहीं लगता।’

एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘लोगों को एहसास हुआ कि यह लड़की न केवल ग्लैमरस दिख सकती है, बल्कि अभिनय भी कर सकती है। इससे मुझे खुशी मिलती है। मैं सिर्फ एक सफल फिल्म का हिस्सा नहीं बनना चाहती। मुझे रचनात्मक संतुष्टि भी मिलनी चाहिए।’ दीपिका ने कहा, वह महसूस करना चाहती हैं कि फिल्म सफल हुई है क्योंकि उन्होंने इसके लिए कुछ किया है और ‘कॉकटेल’ के साथ ऐसा हुआ। शुक्र है कि दीपिका ने ‘कॉकटेल’ की और अभिनय में उनकी नई रुचि पैदा हुई, वरना दर्शकों को इतना दमदार किरदार कैसे देखने को मिलता!

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