क्रिकेट न्यूज डेस्क।। पिछली 10 टेस्ट पारियों में महज एक अर्धशतक। 15 इनिंग्स में सिर्फ एक फिफ्टी। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार घर में न्यूजीलैंड के हाथों मिली 3-0 की करारी हार। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टूटा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को तीसरी बार जीतने का सपना। पिछले एक साल में बतौर बल्लेबाज और कप्तान रोहित शर्मा के हाथ सिर्फ नाकामी लगी। रोहित ने कैप्टन के तौर पर टी-20 में वर्ल्ड कप जिताया, तो वनडे क्रिकेट में टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया। हालांकि, टेस्ट में हिटमैन के लिए कुछ भी सही नहीं घट रहा था।
खराब फॉर्म का असर कप्तानी पर पड़ता हुआ साफतौर पर दिखाई दे रहा है। रोहित इस कदर दबाव में थे कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में खुद को ड्रॉप तक कर लिया था। रिपोर्ट्स ऐसी भी थीं कि इंग्लैंड दौरे पर सिलेक्टर्स रोहित को कप्तानी नहीं देने का मन भी बना चुके थे। ऐसे में शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि खराब फॉर्म और कप्तानी गंवाने की स्थिति की वजह से रोहित को टेस्ट से रिटायरमेंट लेने पर मजबूर होना पड़ा।
खराब फॉर्म का प्रेशर
रोहित शर्मा का बल्ला लंबे समय से खामोश चल रहा था। हिटमैन ने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में आखिरी शतक पिछले साल 7 मार्च को लगाया था। इसके बाद से 15 पारियों में रोहित सिर्फ एक बार ही पचास का आंकड़ा पार कर सके। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित का हाल इस कदर बेहाल रहा कि उनके बल्ले से 5 पारियों में महज 31 रन निकले। रोहित का बैटिंग औसत महज 6.20 का रहा। इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई घरेलू सीरीज में भी हिटमैन का बल्ला पूरी तरह से खामोश रहा था।
कप्तानी में भी फेल रोहित
बल्ले से लगातार फ्लॉप शो का असर रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी पड़ने लगा था। अपनी ही सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार न्यूजीलैंड के हाथों मिली 3-0 की हार ने रोहित की कैप्टेंसी पर सवाल खड़े कर दिए थे। इसके बाद बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में टीम इंडिया को मिली हार ने रोहित को बतौर टेस्ट कप्तान कटघरे में खड़ा कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से ही रोहित से टेस्ट कप्तानी लेने की मांग उठने लगी थी।
चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने के बाद रोहित ने एक बार फिर कैप्टन के तौर पर खुद को साबित करके दिखाया। हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, सिलेक्टर्स ने यह तय कर लिया था कि इंग्लैंड दौरे पर रोहित बतौर कप्तान नहीं जाएंगे। और शायद यह मैसेज रोहित को भी दे दिया गया था। खराब फॉर्म को देखते हुए रोहित बतौर बल्लेबाज इंग्लैंड जाते या नहीं इस पर भी बड़ा सवाल था। यही वजह है कि रोहित