क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने एक बार फिर साफ किया है कि वह राजनीति में आने की किसी योजना पर काम नहीं कर रहे हैं। लंबे समय से गांगुली के राजनीतिक पारी शुरू करने की अटकलें लगाई जा रही थीं, खासकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में उनकी संभावित भूमिका को लेकर चर्चाएं लगातार होती रही हैं। लेकिन इस बार खुद गांगुली ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल उनका राजनीति में प्रवेश का कोई इरादा नहीं है।
हालांकि, गांगुली ने यह जरूर कहा कि वह भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बनने की संभावना को पूरी तरह नकारते नहीं हैं। एक बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं अभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं और भविष्य में जुड़ने की भी कोई योजना नहीं है। लेकिन अगर मुझे भारतीय टीम का कोच बनने का मौका मिलता है, तो उस विकल्प को मैं खुला रखता हूं।”
क्रिकेट प्रशासन और फ्रेंचाइज़ी अनुभव
गांगुली का क्रिकेट और प्रबंधन में लंबा अनुभव रहा है। वे 2018-19 और 2022-24 के बीच दिल्ली कैपिटल्स फ्रेंचाइज़ी में टीम निदेशक की भूमिका में रहे हैं। उनकी रणनीतिक समझ और नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा अक्सर क्रिकेट जगत में होती रही है। इसके अलावा, वह 2019 से 2022 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उनके कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसले लिए गए।
कोचिंग को लेकर बढ़ती अटकलें
टीम इंडिया के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल जल्द समाप्त होने वाला है, ऐसे में नए कोच की तलाश को लेकर चर्चाएं तेज हैं। ऐसे में गांगुली का यह बयान कि वह “कोच बनने के लिए तैयार हो सकते हैं” — भारतीय क्रिकेट में एक नए अध्याय की ओर इशारा करता है। गांगुली को एक ऐसा कप्तान माना जाता है जिसने भारतीय टीम की मानसिकता बदलकर उसे आक्रामक और आत्मविश्वासी टीम में तब्दील किया। यदि वे कोच बनते हैं, तो यह उनके नेतृत्व कौशल का अगला पड़ाव हो सकता है।