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राजस्थान में बेटी पैदा होते ही बनेगी लखपति, लाडो प्रोत्साहन योजना , जानें कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ

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मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत परिवार की गर्भवती महिलाओं की सहायता की जाती है। इस राशि के तहत महिलाओं को 5000 रुपये की राशि दी जाती है। अब केंद्र सरकार ने अपने नियमों में बदलाव किया है। संक्रमण के दौरान, एक महिला जो परिवार में फिर से गर्भवती हो गई है या स्तनपान कराने वाली महिला को एक बार फिर भत्ता मिल सकता है, बशर्ते कि दूसरा बच्चा बेटी हो। केंद्र सरकार ने बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह फैसला लिया है। यह नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होगा। इसके अलावा मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी जैसी योजनाओं को भी 1 अप्रैल से संशोधित किया जा सकता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उसने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीआरआर एंड डी) के साथ सहयोग किया है। सचिव इंदेवर पांडेय ने योजना में हुए सुधारों की जानकारी दी।

इस योजना के तहत परिवार में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को केंद्र सरकार द्वारा तीन किस्तों में 5,000 रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार निकट भविष्य में राशि बढ़ा सकती है। साथ ही यह पैसा तीन किस्तों के बजाय दो किस्तों में दिया जा सकता है। वहीं, दूसरे बच्चे के जन्म के बाद आपको दोबारा फायदा हो सकता है।

इस योजना के तहत 5000 की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। पहली किस्त रु. 1000 लगाने पर दूसरी किश्त जन्म के समय दी जाती है और तीसरी किस्त बच्चे को पोलियो व खसरा का टीका लगवाकर दी जाती है।

योजना का लाभ उठाने के लिए, महिला के पास आवेदन पत्र ए, एमसीपी कार्ड, पहचान का प्रमाण, बैंक, डाकघर या खाता पासबुक भी होना चाहिए। योजना के तहत पात्र होने के लिए, गर्भावस्था के 180 दिन बाद आवेदन पत्र ए बी और एनसीपी कार्ड के साथ दस्तावेजों के साथ कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच के लिए दावा प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद कई टीकों की भी जरूरत होती है। आप नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में आवेदन कर सकते हैं।

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