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राधा के हाथों में मुरली! मथुरा के इस मंदिर में अर्ध राधा रूप में विराजते हैं कृष्ण, पूरी होती है हर मनोकामना, चढ़ता है अनोखा प्रसाद

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बृजधाम मथुरा अपने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्व विख्यात है। यहां भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की भक्ति की परंपरा सदियों पुरानी है। लेकिन मथुरा में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जो भक्तों के लिए बेहद आकर्षक और अद्भुत अनुभव लेकर आता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण की एक ऐसी प्रतिमा के लिए जाना जाता है, जिसमें भगवान का आधा रूप राधा के रूप में और आधा रूप कृष्ण के रूप में दर्शाया गया है।

अर्ध राधा-अर्ध कृष्ण की अनोखी मूर्ति

इस मंदिर की सबसे खास बात है भगवान की एकल मूर्ति का आधा हिस्सा राधा रानी का रूप धारण किए हुए है, जबकि दूसरा आधा भाग भगवान कृष्ण का है। इस मूर्ति में राधा के हाथों में भगवान कृष्ण की मुरली (बांसुरी) है, जो भक्तों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र है। इस अनोखी मूर्ति को देखकर भक्तगण गहराई से भाव-विभोर हो जाते हैं।

मंदिर के सेवायत और पुजारी गौरांग शर्मा के अनुसार, यह मंदिर सैकड़ों वर्षों पुराना है और इसे स्थानीय रूप से ‘अलबेली सरकार’ के नाम से जाना जाता है। इसका कारण है राधा रानी की वह मूर्ति जिसमें वे मुरली बजाती हुई प्रतीत होती हैं। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां आकर भगवान को बांसुरी चढ़ाते हैं और अपनी श्रद्धा का परिचय देते हैं।

मंदिर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता

‘अलबेली सरकार’ मंदिर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि के निकट स्थित है। यह स्थान केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति का प्रतीक भी है। भगवान के इस अनोखे रूप में राधा और कृष्ण का एकता और दिव्य प्रेम उजागर होता है। यह दर्शाता है कि जहां कृष्ण हैं, वहीं राधा का वास भी है। मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं, जो इस स्थान की पावनता और महत्व को दर्शाता है।

गौरांग शर्मा बताते हैं कि यह मंदिर न केवल भक्ति का केन्द्र है, बल्कि एकता और प्रेम का संदेश भी देता है। यहां आकर भक्त आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।

प्रेम और भक्ति का अनोखा संगम

भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम की गाथा भारतीय संस्कृति और साहित्य में सदियों से जीवित है। इस मंदिर की मूर्ति इस प्रेम को प्रत्यक्ष रूप में दर्शाती है। यह अर्ध राधा-अर्ध कृष्ण रूप भक्तों को प्रेम, सौंदर्य और एकात्मता का संदेश देता है। यहां की भक्ति और श्रद्धा भक्तों के मन और आत्मा को शुद्ध करती है। मथुरा के इस अनोखे मंदिर में जाने वाले भक्त न केवल भगवान की पूजा करते हैं, बल्कि प्रेम और भक्ति के उस दिव्य स्वरूप को भी महसूस करते हैं, जो उनकी आत्मा को प्रफुल्लित कर देता है।

मथुरा का यह ‘अलबेली सरकार’ मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम और भक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। जहां आधी प्रतिमा में राधा और आधी में कृष्ण विराजमान हैं, वह मंदिर भक्तों के लिए विशेष आस्था और प्रेम का केंद्र है। सैकड़ों वर्षों से यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल रहा है, बल्कि प्रेम और आध्यात्मिकता का अमूल्य संदेश भी देता है। यदि आप मथुरा भ्रमण पर जाएं तो इस अनोखे मंदिर के दर्शन अवश्य करें और इस दिव्य प्रेम की अनुभूति करें।

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