प्रभु श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम यूं ही नहीं कहा गया। उनका जीवन त्याग, सत्य, धर्म और कर्तव्य की मिसाल है। उनके निर्णय और आचरण आज भी मानव जीवन के लिए आदर्श माने जाते हैं। यही कारण है कि श्रीराम का पूजन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक और पारिवारिक सौहार्द के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से घर में राम दरबार की स्थापना का विधान बेहद शुभ और प्रभावशाली माना जाता है। मान्यता है कि जहां राम दरबार होता है, वहां सकारात्मक ऊर्जा, शांति, प्रेम और समृद्धि स्वतः निवास करती है। यदि आप भी अपने घर में राम दरबार स्थापित करना चाहते हैं, तो आइए जानें इसकी विधि और महत्व।
घर में राम दरबार की स्थापना कैसे करें?
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पूजा स्थल का चयन करें – राम दरबार की स्थापना हमेशा पूर्व दिशा में करें। यह दिशा शास्त्रों में अत्यंत शुभ मानी गई है।
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पूजा चौकी तैयार करें – चौकी पर लाल रंग का स्वच्छ वस्त्र बिछाएं।
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राम दरबार की मूर्तियों की स्थापना करें – श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमाएं इस चौकी पर विधिपूर्वक रखें।
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पंचामृत स्नान – राम दरबार को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं।
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श्रृंगार और पूजा सामग्री अर्पण करें – भगवान को पीले फूल, रोली, अक्षत (चावल), धूप, दीपक आदि अर्पित करें।
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पाठ और आरती – रामचरितमानस, सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें और फिर प्रभु की आरती उतारें।
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भोग अर्पण और प्रसाद वितरण – पंचामृत और मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद सभी को बांटें।
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नियमित पूजा आवश्यक – राम दरबार की स्थापना के बाद यह ध्यान रखें कि नित्य प्रति पूजा करना आवश्यक है। यह केवल स्थापना का नहीं, भक्ति और संकल्प का विषय है।
राम दरबार की स्थापना के लाभ
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घर में सुख-शांति और सकारात्मकता बनी रहती है।
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पारिवारिक प्रेम और विश्वास में वृद्धि होती है।
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हनुमान जी की कृपा सदैव बनी रहती है।
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घर का वातावरण आध्यात्मिक और सात्त्विक बनता है।
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ग्रह दोष शांत होते हैं, जिससे जीवन की अड़चनें दूर होती हैं।
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मोक्ष की प्राप्ति की संभावना बढ़ती है।
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व्यक्ति को धैर्य, संयम और विवेक की शक्ति मिलती है।
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जीवन में सद्गुणों का विकास होता है और नकारात्मकता स्वतः दूर रहती है।
अयोध्या में राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम चरण में
अयोध्या में श्रीराम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार, 5 जून 2025 को विधि-विधान के साथ श्रीराम अपने परिवार सहित प्रथम तल पर विराजमान होंगे, और 6 जून से आम भक्त दर्शन कर सकेंगे। यह एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण होगा, जब श्रीराम अपने कुल परिवार के साथ अयोध्या नगरी में पूरी भव्यता से विराजित होंगे।
निष्कर्ष
घर में राम दरबार की स्थापना केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत है। यह न केवल आपके घर में दिव्यता लाता है, बल्कि आपके जीवन को भी नैतिकता, संयम और कर्तव्यबोध की दिशा में प्रेरित करता है। यदि आपने अब तक राम दरबार की स्थापना नहीं की है, तो इस शुभ अवसर पर इसे आरंभ करें और प्रभु श्रीराम की कृपा पाएं।