Home लाइफ स्टाइल रिश्तों को बचाने के लिए दूर-दूर सो रहे कपल्स! क्यों बढ़ रहा...

रिश्तों को बचाने के लिए दूर-दूर सो रहे कपल्स! क्यों बढ़ रहा है ‘स्लीप डिवोर्स’ का ट्रेंड और रिश्ते पर क्या पड़ता है असर ?

1
0

आज के समय में रिश्तों की परिभाषा बहुत तेज़ी से बदल रही है। पारंपरिक विवाह और साथ रहने के तरीकों के अलावा, अब जोड़े नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जिनमें से एक है “स्लीप डिवोर्स”।पश्चिमी देशों में स्लीप डिवोर्स का चलन काफ़ी पसंद किया जा रहा है और अब भारत जैसे देशों में भी जोड़े इसे अपना रहे हैं। लेकिन स्लीप डिवोर्स क्या है और लोग इसे इतना पसंद क्यों कर रहे हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में।

स्लीप डिवोर्स क्या है?
स्लीप डिवोर्स का मतलब है कि पति-पत्नी या पार्टनर एक ही घर में रहते हैं, लेकिन अलग-अलग बेडरूम या जगह पर सोते हैं। ज़रूरी नहीं कि उनके बीच झगड़ा हो या तलाक हो, बल्कि यह आपसी सहमति से लिया गया फ़ैसला होता है। बेहतर नींद, निजी जगह और मानसिक शांति पाने के लिए आजकल जोड़े इस तरीक़े को अपना रहे हैं। दरअसल, हर व्यक्ति की सोने की आदतें अलग-अलग होती हैं। इसके अलावा, कुछ लोग नींद में खर्राटे लेते हैं या हाथ-पैर हिलाते हैं, जिससे उनके बगल में सोने वाले व्यक्ति को परेशानी होती है। यह भी कपल्स के बीच झगड़े का एक कारण बन सकता है। ऐसे में, बेहतर नींद पाने और रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए स्लीप डिवोर्स का चलन काफ़ी फ़ायदेमंद है।

स्लीप डिवोर्स को क्यों पसंद किया जा रहा है?
नींद की गुणवत्ता में सुधार-
कभी-कभी एक ही बिस्तर पर सोने से नींद में खलल पड़ता है। एक साथी का करवट बदलना, खर्राटे लेना या नींद में बातें करना जैसी आदतें दूसरे की नींद में खलल डाल सकती हैं। ऐसे में अलग-अलग सोने से दोनों को बेहतर नींद आती है, जिसका उनकी दिनचर्या और स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है।

निजी जगह की ज़रूरत– हर व्यक्ति को अपने विचारों, भावनाओं और आदतों के लिए थोड़ी निजता की ज़रूरत होती है। कभी-कभी एक ही कमरे में सोने से यह जगह कम हो जाती है। अलग-अलग बेडरूम में सोने से दोनों पार्टनर को अपने समय का सही इस्तेमाल करने और आत्म-परीक्षण करने का मौका मिलता है।

रिश्ते में तनाव कम करना– कुछ कपल्स सोते समय छोटी-छोटी बातों पर झगड़ते हैं, जैसे एसी का तापमान, लाइट बंद करना या कंबल ओढ़ना। अलग-अलग सोने से ऐसा तनाव कम होता है और रिश्ते में प्यार बना रहता है।

स्वास्थ्य संबंधी कारण- अगर किसी एक पार्टनर को कोई स्वास्थ्य समस्या है, जैसे अनिद्रा, स्लीप एपनिया या बीमारी, तो अलग-अलग सोना फ़ायदेमंद हो सकता है। इससे दोनों को आराम मिलता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी नहीं बढ़तीं।

पार्टनर की आदतों से समझौता न करना– कुछ लोगों की आदत होती है कि वे देर रात तक जागते हैं या जल्दी सो जाते हैं। अगर दोनों पार्टनर के स्लीप साइकल अलग-अलग हैं, तो अलग-अलग बेडरूम में सोने से उनकी दिनचर्या पर कोई असर नहीं पड़ता।

क्या स्लीप डिवोर्स रिश्तों को प्रभावित करता है?

कई लोगों को लगता है कि अलग-अलग सोने से रिश्तों में दूरियाँ आ सकती हैं, लेकिन अगर दोनों पार्टनर सहमति से यह फैसला लें, तो इससे रिश्ता और भी मज़बूत हो सकता है। साथ में अच्छा समय बिताना और एक-दूसरे की ज़रूरतों का सम्मान करना ज़्यादा ज़रूरी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here