भारतीय रेल से प्रतिदिन करोड़ों यात्री यात्रा करते हैं। रेलवे यात्रियों के लिए हजारों रेलगाड़ियां चलाती है। भारतीय रेलवे विश्व की चौथी सबसे बड़ी रेलवे प्रणाली है। सामान्यतः यदि कोई व्यक्ति कहीं जाना चाहता है और लम्बी दूरी की यात्रा करना चाहता है। तो ऐसे में ज्यादातर लोगों की पहली पसंद ट्रेन ही होती है।
पिछले कुछ वर्षों में रेल से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। लेकिन जब पूरी दुनिया की तरह भारत भी कोविड-19 की चपेट में था। तो महामारी के बाद जब चीजें सामान्य हो गईं। इसलिए रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में काफी बदलाव आया। थर्ड एसी में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। रेलवे द्वारा जारी आंकड़े आपको चौंका देंगे।
वर्ष 2019 में जब कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया था। तब से लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक होने लगे। इसके बाद लोगों के जीवन की कई आदतें पूरी तरह बदल गईं। वहीं कोरोना महामारी के बाद भारतीय रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में भी काफी बदलाव देखने को मिला। हाल ही में रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई कि कोरोना महामारी के बाद जो यात्री पहले ट्रेनों में स्लीपर में सफर करते थे। उन यात्रियों ने थर्ड एसी में यात्रा करना शुरू कर दिया है। कोविड के बाद थर्ड एसी यात्रियों की संख्या में भारी उछाल आया है।
कोरोना महामारी के बाद से 5 वर्षों में एसी थर्ड में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-20 में 11 करोड़ यात्री थर्ड एसी में यात्रा करते थे। यानी कुल यात्रियों का केवल 1.4%। अगर वर्ष 2024-25 की बात करें तो इसमें 19% की वृद्धि हुई है। और यात्रियों की संख्या बढ़कर 26 करोड़ हो गई है।
वर्ष 2019-20 में भारतीय रेलवे ने थर्ड एसी से 12,370 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। तो वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 30,089 करोड़ हो गया है। ये आंकड़े सचमुच चौंकाने वाले हैं। आपको बता दें कि कोरोना महामारी से पहले यानी 2019-20 तक रेलवे के राजस्व में सबसे ज्यादा योगदान स्लीपर क्लास के यात्रियों का था। लेकिन इस बार थर्ड एसी के यात्रियों की कमाई सबसे ज्यादा है।