वैश्विक बाजारों में मजबूती के बावजूद शुक्रवार (25 अप्रैल) को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण निवेशक सतर्क रहे तथा निफ्टी-50 और बीएसई सेंसेक्स क्रमशः 0.86% और 0.74% नीचे बंद हुए। इससे पहले गुरुवार को बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी-50 और सेंसेक्स लगातार सात कारोबारी सत्रों की बढ़त के बाद गिरावट के साथ बंद हुए।
पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापारिक गतिविधियां रोक दी हैं तथा चेतावनी दी है कि जल प्रवाह को रोकने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। यह कदम भारत द्वारा कश्मीर में हुए घातक हमले के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कार्रवाई करने के बाद उठाया गया है। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज मामूली बढ़त के साथ 79,830.15 पर खुला। शुरुआत के बाद यह कुछ समय तक ग्रीन जोन में रहा और फिर रेड जोन में चला गया। अंत में सेंसेक्स 588.90 या 0.74% की गिरावट के साथ 79,212.53 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी-50 भी मामूली बढ़त के साथ खुला। हालांकि, कुछ देर बाद यह लाल निशान में फिसल गया। अंत में यह 207.35 अंक या 0.86% की गिरावट के साथ 24,039.35 पर बंद हुआ।
शुक्रवार 25 अप्रैल को शेयर बाजार में गिरावट का कारण?
1. बेंचमार्क निफ्टी और सेंसेक्स आज एक्सिस बैंक, अदानी पोर्ट्स, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, इटरनल (ज़ोमैटो), टाटा मोटर्स, एमएंडएम, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल और एलएंडटी सहित इंडेक्स हैवीवेट में मुनाफावसूली के कारण कम होकर बंद हुए।
2. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा। केंद्र सरकार द्वारा शिमला समझौते को रद्द करने जैसे कदम उठाए जाने के बाद निवेशक घबरा रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ सकता है। लेकिन इस समय दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध की कोई संभावना नहीं है।
3. अल्फानिटि फिनटेक के सह-संस्थापक और निदेशक यूआर भट के अनुसार पहलगाम की घटना के बाद बाजार में थोड़ी घबराहट है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ की आशंकाओं के कारण गिरावट के बाद हाल ही में बाजार में तेजी आई है। लेकिन अब निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं। भू-राजनीतिक स्थिति स्पष्ट होने तक भारत-पाकिस्तान सतर्क रुख अपना रहे हैं।
निवेशकों के 11 लाख करोड़ डूबे
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की आशंका के कारण निवेशकों को 11 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार (25 अप्रैल) को घटकर 419,65,902 करोड़ रुपये रह गया। जबकि गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद यह 43,042,123 करोड़ रुपये था। इस प्रकार कंपनियों का मार्केट कैप (एमकैप) 10,50,393 करोड़ रुपए घट गया।
अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक और प्रमुख जी चोकालिंगम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाक्रम से बाजारों में अस्थिरता बनी रहेगी तथा आगे और गिरावट आ सकती है। चोकलिंगम ने कहा, “निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और घटनाक्रम पर नज़र रखनी चाहिए। लेकिन इस समय घबराने की ज़रूरत नहीं है। पूर्ण युद्ध की संभावना नहीं है। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ेगा। बाज़ारों को इस बात पर भरोसा है। बाज़ार इस स्थिति से निपटने में सक्षम होंगे और जैसा कि पहले देखा गया है, वे अंततः उबर जाएँगे। निवेश रणनीति के तौर पर निवेशकों को मंदी के दौरान लंबी अवधि के नज़रिए से खरीदारी करनी चाहिए। मैं बैंकिंग सेक्टर को लेकर सकारात्मक हूँ।”
वैश्विक बाज़ारों के संकेत क्या हैं?
वैश्विक मोर्चे पर एशियाई शेयर बाजारों में बढ़त देखी गई। वॉल स्ट्रीट पर एशियाई बाजारों में बढ़त देखी गई। ब्याज दरों में अपेक्षाकृत शीघ्र कटौती की बढ़ती उम्मीदों के कारण अमेरिकी बाजारों में तेजी आई। इस बीच, दक्षिण कोरियाई शेयरों में तेजी आई। ऐसी खबरें हैं कि अमेरिका अगले सप्ताह तक व्यापार समझौते पर पहुंच सकता है। अंतिम अपडेट के अनुसार, जापान का निक्केई 1.23 प्रतिशत ऊपर था, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.63 प्रतिशत नीचे था।
एसएंडपी 500 सूचकांक में 2.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि नैस्डैक कम्पोजिट और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में क्रमशः 2.74 प्रतिशत और 1.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्टों के अनुसार, फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने कहा कि यदि अर्थव्यवस्था की दिशा के बारे में स्पष्ट साक्ष्य मिलते हैं तो वे जून की शुरुआत में ही ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकते हैं।
गुरुवार को बाजार कैसा रहा?
गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 315 अंक या 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 79,801 पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी 50 82.25 अंक या 0.34 प्रतिशत गिरकर 24,246.7 पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को लगातार सातवें दिन 8,250.53 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि डीआईआई ने 534.54 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।