भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स में खेला जा रहा पहला टेस्ट मैच अब निर्णायक और बेहद रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। मंगलवार को जब मैच का पांचवां और अंतिम दिन शुरू होगा, तो इंग्लैंड को जीतने के लिए अभी भी 350 रन की दरकार होगी। भारत ने इंग्लैंड के सामने 371 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसके जवाब में सोमवार को खेल समाप्त होने तक मेज़बान टीम ने बिना किसी नुकसान के 21 रन बना लिए थे।
भारत की दूसरी पारी में आया अचानक ढलान
जहां एक ओर भारत पूरे मैच में नियंत्रण में नजर आ रहा था, वहीं दूसरी पारी के निचले क्रम की असफलता ने मुकाबले को पूरी तरह से खोल दिया। एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया 400 से ऊपर का लक्ष्य इंग्लैंड के सामने रखेगी, लेकिन आखिरी सत्र में विकेटों की झड़ी लगने से भारत बड़ा स्कोर नहीं बना सका।
तेज गेंदबाजों की मददगार इस पिच पर भारत की पारी तेजी से सिमटी, और इसी का फायदा इंग्लैंड को मिला। निचले क्रम के बल्लेबाजों के जल्दी आउट हो जाने से भारत 371 रनों पर ही इंग्लैंड को रोकने पर मजबूर हुआ, जिससे इंग्लैंड को जीत की एक मजबूत संभावना मिल गई है।
शुभमन गिल की कप्तानी में पहला टेस्ट, बड़ी परीक्षा
युवा कप्तान शुभमन गिल के लिए यह टेस्ट मैच एक बड़ी अग्निपरीक्षा है। अपने पहले ही टेस्ट में कप्तानी कर रहे गिल ने अब तक अच्छी रणनीति दिखाई है, लेकिन अंतिम दिन उन्हें अपने गेंदबाजों से अनुशासित और आक्रामक गेंदबाजी करवानी होगी।
तेज गेंदबाजों की जोड़ी जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज, तथा स्पिन विभाग में अश्विन और जडेजा पर भारत की जीत की उम्मीदें टिकी हैं। अगर भारत को शुरुआती झटके मिलते हैं, तो इंग्लैंड की बल्लेबाजी को दबाव में लाया जा सकता है।
इंग्लैंड के सामने ऐतिहासिक चेज़ की चुनौती
371 रनों का लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में एक बड़ा पीछा (चेज़) माना जाता है, लेकिन इंग्लैंड की टीम हाल के वर्षों में अपने आक्रामक अंदाज़ के लिए जानी जाती है। उनके पास जैक क्रॉली, बेन डकेट, जो रूट, जॉनी बेयरस्टो जैसे बल्लेबाज हैं जो बड़ी पारियां खेलने में सक्षम हैं।
यदि इंग्लैंड के बल्लेबाज पहले दो सत्रों तक टिके रहते हैं, तो मैच उनके पक्ष में जा सकता है। लेकिन दूसरी ओर, भारत की धारदार गेंदबाजी उन्हें किसी भी वक्त मैच से बाहर कर सकती है।