क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स में खेला जा रहा है। इस मैदान की खास बात यह है कि इसका ढलान 8 फीट 2 इंच है। जिससे भारतीय टीम के खिलाड़ियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि ज़्यादातर खिलाड़ी यहाँ पहली बार टेस्ट मैच खेलेंगे। आपको बता दें कि लॉर्ड्स का यह ढलान न सिर्फ़ बल्लेबाज़ों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है, बल्कि विकेटकीपरों के लिए भी बुरा सपना साबित हुआ है। इस मैदान में पवेलियन छोर और नर्सरी छोर का ढलान अलग-अलग प्रभाव डालता है। आइए आपको बताते हैं कि यह ढलान खिलाड़ियों के लिए इतनी मुश्किलें क्यों पैदा करता है?
लॉर्ड्स में यह ढलान कहाँ स्थित है?
लॉर्ड्स मैदान का यह ढलान पवेलियन छोर से तिरछा नीचे की ओर जाता है, जो डीप एक्स्ट्रा कवर से लॉन्ग लेग तक फैला हुआ है। पहली नज़र में लॉर्ड्स का ढलान ज़्यादा बड़ा न लगे, लेकिन इसका प्रभाव बहुत ज़्यादा होता है। पवेलियन छोर से बल्लेबाज़ी करते समय, दाएँ हाथ के बल्लेबाज़ अक्सर ढलान के कारण गेंद को बाहर जाते हुए पाते हैं, जबकि नर्सरी छोर से फेंकी गई गेंदें तेज़ी से अंदर आती हैं। गेंदबाजों को भी ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन बल्लेबाज अपनी तकनीक में बदलाव करके इनसे पार पा सकते हैं।
यह ढलान ऋषभ पंत के लिए भी एक बड़ा खतरा है।
लॉर्ड्स का ढलान गेंद की गति को बढ़ा देता है, जिससे अक्सर विकेटकीपर संतुलन खो देता है। इससे निपटने के लिए, विकेटकीपर आमतौर पर नर्सरी छोर पर खड़े होने पर दाईं ओर एक अतिरिक्त कदम और पवेलियन छोर पर खड़े होने पर बाईं ओर एक कदम बढ़ाता है। अब सवाल यह है कि टीम इंडिया के नए खिलाड़ी लॉर्ड्स के मैदान पर खुद को कैसे ढालेंगे। पंत, राहुल, बुमराह, सिराज, जडेजा लॉर्ड्स में टेस्ट मैच खेल चुके हैं, लेकिन बाकी खिलाड़ी पहली बार इस मैदान पर खेल रहे हैं। मैच की बात करें तो टीम इंडिया पहले गेंदबाजी कर रही है, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीता। टीम इंडिया ने प्रसिद्ध कृष्णा को प्लेइंग इलेवन से हटाकर जसप्रीत बुमराह को टीम में एंट्री दी।