नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी ने गुरुवार को कहा कि श्रम उत्पादकता में निरंतर वृद्धि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए जरूरी है।
राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई एनुअल बिजनेस समिट में अपने संबोधन में बेरी ने कहा कि श्रम उत्पादकता बढ़ने से अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाकर और श्रम गतिविधि को बढ़ाकर उच्च मूल्य संवर्धन होगा। इससे आय बढ़ाने, देश के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और बेजोड़ जनसांख्यिकी की क्षमता का फायदा उठाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में श्रम उत्पादकता में अपेक्षित गति से सुधार नहीं हो रहा है। क्रय शक्ति समता में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार अमेरिका के आकार का आधा है, जबकि श्रम शक्ति का आकार अमेरिका के आकार का तीन गुना है।
हमारा उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विकास को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए श्रम शक्ति का लाभ उठाना और बेहतर रोजगार पैदा करना होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उत्पादकता में ठहराव की समस्या का सामना यूके और कनाडा जैसे देशों को करना पड़ रहा है, जबकि भारत में उत्पादकता बढ़ रही है, हालांकि, यह चीन और आसियान की तुलना में कम है।
बेरी ने कहा, “भारत को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए आत्मनिर्भरता और वैश्विक जुड़ाव का मिश्रण अपनाना चाहिए। हमें जर्मनी जैसे देशों की तरह भारत के लघु और मध्यम उद्योगों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। भारतीय उद्योगों ने 1991 के सुधारों को सफलतापूर्वक पार कर लिया है और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ उद्योगों के साथ प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा करने का आत्मविश्वास हासिल कर लिया है।”
बेरी ने कहा कि व्यापारिक साझेदारों के साथ एफटीए करना, उच्च मूल्य वाले क्षेत्रों में प्रवेश करना और आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाना आगे बने रहने के लिए जरूरी है। प्रतिस्पर्धा केवल विनिर्माण तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि इसे सेवाओं तक भी बढ़ाया जाना चाहिए।
–आईएएनएस
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