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विकास खन्ना ने दिवंगत बहन राधिका को किया याद, बोले ‘हरेक दिन उसे खोने का दर्द महसूस करता हूं’

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मुंबई, 10 जून (आईएएनएस)। मशहूर शेफ विकास खन्ना ने अपनी दिवंगत बहन राधिका को याद करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क स्थित उनके रेस्तरां ‘बंगला’ का राधिका से खास कनेक्शन है। वह एक ऐसी जगह है, जहां उन्होंने बहन की यादों को सहेजकर रखा है।

विकास ने इंस्टाग्राम पर अपनी बहन राधिका के निधन का दर्द साझा किया, जो 2022 में ल्यूपस बीमारी से जूझने के बाद दुनिया छोड़ गईं। राधिका उनके लिए सिर्फ बहन नहीं, बल्कि खास दोस्त जैसी थीं। विकास अपनी किडनी दान करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कोलंबिया के एक डॉक्टर ने सुझाव दिया कि ट्रांसप्लांट से उनकी जान जा सकती है। डॉक्टर ने राधिका को मॉर्फिन लेने जाने की सलाह दी। इस बातचीत ने राधिका की हिम्मत तोड़ दी और उनकी चमक फीकी पड़ गई। विकास के लिए यह देखना असहनीय था और यह दर्द आज भी उनके साथ है।

इस दुख को सहने के लिए विकास ने साल 2024 में ‘बंगला’ बनाया, जो सिर्फ एक रेस्तरां नहीं, बल्कि राधिका की यादों का घर है। यह न्यूयॉर्क की व्यस्त जिंदगी में एक ऐसी जगह है, जहां लोग त्योहार, जन्मदिन, स्नातक समारोह, सगाई या पारिवारिक मिलन जैसे खास पलों को सेलिब्रेट करते हैं। विकास का मानना है कि दुख में भी सुंदरता हो सकती है और हर नुकसान में एक विरासत छोड़ी जा सकती है।

विकास खन्ना ने अपनी दिवंगत बहन राधिका के साथ कई कैंडिड तस्वीरें पोस्ट कीं और एक नोट में लिखा, “प्यार और दुख अक्सर एक ही जगह से आते हैं। साल 2022 में मैं अपनी किडनी अपनी छोटी बहन को दान करने की तैयारी कर रहा था। लेकिन कोलंबिया के एक डॉक्टर (जिसका नाम मैं गुप्त रखूंगा) ने उसे बताया कि ट्रांसप्लांट से मेरी (विकास) मौत हो सकती है और इसके बजाय उसे मॉर्फिन लेने का सुझाव दिया। उस पल ने हम दोनों को तोड़कर रख दिया। जिस तरह से उन्होंने उसके साथ व्यवहार किया, इससे उसकी आत्मा आहत हो गई। वह मजबूत थी लेकिन उस बातचीत के बाद, उसके अंदर कुछ टूट गया और वह जो कभी इतनी जिंदादिल थी, इतनी खामोश हो गई। यह देखकर मैं इतना टूट गया कि उसे बयां नहीं कर सकता।”

उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “मैं उस दर्द को हर दिन ढो रहा हूं। मुझे नहीं पता था कि इसे कहां रखूं — इसलिए मैंने इसे ‘बंगला’ में डाल दिया। मैंने उसे सम्मान या श्रद्धांजलि देने के लिए यह जगह बनाई। अनुपस्थिति को उपस्थिति में बदलने के लिए, दुख को सुख में बदलने के लिए और उसे इस दुनिया में एक घर देने के लिए। लेकिन कभी-कभी मैं सोचता हूं कि इस निर्दयी शहर में लोग अपने उन हिस्सों को कैसे ठीक करते हैं जिन्हें कोई नहीं देखता?”

खन्ना ने अपनी पोस्ट को समाप्त करते हुए लिखा, “मैं अभी भी उस उत्तर की तलाश में हूं और मैं यहां दूसरों का स्वागत करता हूं, परिवारों को वह पल दूंगा जो मैंने कभी उसके साथ बिताए थे। हर मिलन को त्योहार, जन्मदिन, स्नातक, गेट-टुगेदर, माता-पिता के लिए खास दिन, पहली नौकरी, पदोन्नति, सगाई, बच्चे के आने की खुशी, या कोई और उत्सव बनाना। क्योंकि मैंने सीखा है कि दर्द भी खूबसूरत हो सकता है।”

–आईएएनएस

एमटी/केआर

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