Home व्यापार वित्त वर्ष 2026 में रेपो रेट घटकर 5.5 प्रतिशत और सीपीआई मुद्रास्फीति...

वित्त वर्ष 2026 में रेपो रेट घटकर 5.5 प्रतिशत और सीपीआई मुद्रास्फीति औसतन 3.7 प्रतिशत रहेगी : एचएसबीसी

7
0

नई दिल्ली, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में कटौती का चक्र पहले ही शुरू कर दिया है। इसी के साथ एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया है कि जून और अगस्त की आरबीआई की नीति बैठक में ब्याज दरों में 25-25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है।

एचएसबीसी का अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में रेपो दर घटकर 5.5 प्रतिशत रह जाएगी।

इसके अलावा, उम्मीद की जा रही है कि आसान लिक्विडिटी की स्थिति बनी रहेगी और ब्याज दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

मार्च में सीपीआई मुद्रास्फीति 3.3 प्रतिशत रही, जो बाजार की 3.5 प्रतिशत की उम्मीद से कम है।

खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार तीसरे महीने भी अपस्फीति में रहीं, जो पिछले महीने की तुलना में 0.7 प्रतिशत कम है, जिसका कारण सब्जियों, दालों, अंडों और मछली-मांस की कीमतों का कम होना है।

अनाज और दूध की कीमतों में क्रमिक गति सामान्य रही, जबकि चीनी और फलों की कीमतें उच्च रहीं।

एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है, “अप्रैल में मुद्रास्फीति का आंकड़ा मार्च के स्तर के करीब है। प्याज और टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट के कारण अप्रैल के पहले 10 दिनों में सब्जियों की कीमतों में 0 से 5 प्रतिशत (महीने के हिसाब से) की कमी आई है।”

एचएसबीसी ने वित्त वर्ष 2026 में सीपीआई हेडलाइन मुद्रास्फीति के औसतन 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो आरबीआई के लक्ष्य और पूर्वानुमान 4 प्रतिशत से काफी कम है।

नई गेहूं की फसल बाजार में आने के साथ अप्रैल से खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट आने की संभावना है।

इसके अलावा, आईएमडी ने 2025 के लिए ‘सामान्य’ मानसून का पूर्वानुमान जारी किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में रुपए की मजबूती, चीन से आयातित सामानों के दामों में तुलनात्मक कमी, तेल की नरम कीमतें और कमजोर घरेलू विकास के कारण कोर मुद्रास्फीति भी नरम रहने की संभावना है।

थोक स्तर पर भी, मार्च की कीमतें सामान्य रहीं, जबकि कोर श्रेणियों के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति की तुलना में थोक मुद्रास्फीति में तेजी से कमी आई।

फरवरी में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में सालाना आधार पर 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बाजार की 3.6 प्रतिशत की अपेक्षा से कम है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “विकास के 100 संकेतकों के हमारे फ्रेमवर्क से पता चलता है कि मार्च तिमाही पिछली दो तिमाहियों की तुलना में बेहतर है, लेकिन जून 2024 से काफी नीचे है।”

–आईएएनएस

एसकेटी/एबीएम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here