भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज विनोद कांबली अपनी लिमिट से ज्यादा शराब पीने की आदत के चलते सुर्खियों में रहते हैं। हालत ये है कि उन्हें अपनी शराब पीने की आदत के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। कांबली ने दो शादियां की थीं। दोनों ही पत्नियां इस बात से तंग आ चुकी थीं कि वह शराब पीते समय सारी हदें भूल जाते हैं। आखिरकार इन दोनों पत्नियों ने कांबली को छोड़ दिया। इसी आदत के चलते सबसे अच्छे दोस्त सचिन तेंदुलकर ने भी कांबली से दूरी बना ली थी। क्या आप जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट में विनोद कांबली से भी बड़ा शराबी क्रिकेटर है। हम बात कर रहे हैं पटियाला के राजा महाराजा भूपेंद्र सिंह की। महाराजा भूपेंद्र सिंह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दादा हैं। 1891 में जन्मे भूपेंद्र सिंह का 1938 में महज 52 साल की उम्र में निधन हो गया था। कहा जाता है कि खराब स्वास्थ्य के कारण उनका निधन हुआ। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि महाराजा का लिवर खराब हो गया था। इस दौरान उनके बल्ले से 40 पारियों में 643 रन निकले। उन्होंने अपने करियर में दो विकेट भी लिए।
पटियाला पैग की खोज
आज के दौर में युवा पटियाला पैग पीने के बहुत शौकीन हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि पटियाला पैग की शुरुआत पटियाला के महाराजा भूपेंद्र सिंह ने की थी। इसके पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, भारत की प्रथम श्रेणी टीम को इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेलना था। महाराजा जानते थे कि अंग्रेजों को हराना इतना आसान नहीं है। उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर ब्रिटिश टीम को हराने की योजना बनाई। महाराजा भूपेंद्र सिंह ने मैच से एक रात पहले ब्रिटिश क्रिकेट टीम को अपने महल में पार्टी के लिए आमंत्रित किया। ब्रिटिश टीम 30 मिली लीटर हल्का पैग पीने की शौकीन थी, लेकिन महाराजा ने उन्हें 120 मिली लीटर का पैग पिलाया और कहा कि यही यहाँ का प्रसिद्ध पटियाला पैग है। ब्रिटिश टीम सुबह तक नशे से पूरी तरह उबर नहीं पाई और भारत के खिलाफ मैच जीत गई।
महाराजा भूपेंद्र सिंह अपनी जीवनशैली के कारण भी चर्चा में रहे। अपने पिता की मृत्यु के बाद, उन्हें मात्र 9 वर्ष की आयु में पटियाला का राजा नियुक्त किया गया। वे 1900 से 1938 तक, अपनी मृत्यु तक, पटियाला के राजा रहे। इस दौरान उन्होंने एक-दो नहीं, बल्कि 10 बार विवाह किया। इतना ही नहीं, कहा जाता है कि उनके अपनी रखैलों के साथ भी संबंध थे। महाराजा भूपेंद्र सिंह के कुल 350 रखैलों के साथ संबंध थे। उनकी कुल 88 पत्नियाँ भी थीं।