आईपीएल 2025 की जीत के जश्न के दौरान बेंगलुरु में हुई भगदड़ के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के एक अधिकारी को कर्नाटक हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। मामले में गिरफ्तार किए गए निखिल सोसले आरसीबी के मार्केटिंग और सेल्स हेड हैं और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के करीबी हैं। सोसले के अलावा 3 अन्य आरोपियों को भी हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया। बेंगलुरु पुलिस ने इन लोगों को हादसे के 2 दिन बाद गिरफ्तार किया और बाद में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 4 जून को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आरसीबी के प्रशंसकों की भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे भगदड़ मच गई और इस हादसे में 11 प्रशंसकों की मौत हो गई,
जबकि करीब 50 प्रशंसक घायल हो गए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एम सिद्धारमैया ने इस मामले में आरसीबी और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क को दोषी ठहराया था और उनके अधिकारियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। इसके बाद 6 जून की तड़के बेंगलुरु एयरपोर्ट से सोसले को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि डीएनए अधिकारी समेत 3 अन्य को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार 12 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया और सोसले समेत चारों आरोपियों को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। सोसले के अलावा डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क के सुनील मैथ्यू, किरण कुमार एस और शमंत एनपी माविनाकेरे को भी जमानत पर रिहा किया गया है। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार ने रिहाई का आदेश दिया था और 11 जून को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उन्होंने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गुरुवार को उन्होंने जमानत की घोषणा की। चारों आरोपियों को अपने पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया है। इस मामले में कोर्ट ने रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जो आरसीबी का संचालन करती है, और डीएनए नेटवर्क की अर्जी पर भी सुनवाई की, जिसमें इन दोनों पक्षों ने स्टांप मामले में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। इस मामले में जज ने स्पष्ट किया कि इन अर्जी को कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) की अर्जी के साथ मिला दिया जाएगा और बाद में इस पर सुनवाई की जाएगी। केएससीए ने भी अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अपील की थी।