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‘विराट कोहली को कॉपी मत कर शुभमन, ये लड़ना तेरा स्टाइल नहीं है’, गिल पर क्यों भड़का भारतीय दिग्गज

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हिंदी समाचार खेल क्रिकेट विराट कोहली के नक्शेकदम पर चल रहे हैं शुभमन गिल, कुछ ऐसा ही बयां कर रही है ये कहानी शुभमन गिल विराट कोहली के नक्शेकदम पर चल रहे हैं, कुछ ऐसा ही बयां कर रही है भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनने से पहले शुभमन गिल का बल्लेबाजी औसत कम था, लेकिन कप्तान बनते ही उन्होंने बड़ी छलांग लगाई। ऐसा ही कुछ विराट कोहली के साथ हुआ। विराट कोहली और शुभमन गिल रोहित शर्मा के बाद अब शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान बनाया गया है। टी20 इंटरनेशनल की तरह टेस्ट में भी शुभमन गिल को कप्तान के तौर पर अपने पहले ही मैच में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद उन्होंने वापसी की और इंग्लैंड के खिलाफ उन्हीं की धरती पर सीरीज ड्रॉ कराने में कामयाब रहे। इस बीच अब ऐसा लग रहा है कि शुभमन गिल कहीं न कहीं विराट कोहली वाली ही कहानी दोहरा रहे हैं। आगे हम आपको जो भी बताएंगे, आपको भी ऐसा ही लगेगा। कप्तान बनते ही विराट कोहली का बल्लेबाजी औसत बढ़ा

दरअसल, जब विराट कोहली भारतीय टीम के लिए बतौर खिलाड़ी खेल रहे थे, तब उनका औसत कम था, लेकिन कप्तान बनते ही उनका औसत अचानक बढ़ गया। कप्तान के तौर पर उनकी पहली ही सीरीज़ में ऐसा हुआ। अब आँकड़ों पर एक नज़र डालते हैं। विराट कोहली 2014 में टेस्ट कप्तान बने थे। उस समय टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। इस सीरीज़ से पहले विराट कोहली का बल्लेबाजी औसत 39.46 था, लेकिन सीरीज़ खत्म होने पर उनका औसत बढ़कर 46.30 हो गया था। विराट कोहली ने इस पूरी सीरीज़ में शानदार बल्लेबाजी की, जिसका असर उनके औसत पर साफ़ देखा जा सकता है।

शुभमन गिल के साथ भी यही कहानी दोहराई गई।

अब बात करते हैं शुभमन गिल की। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ से पहले शुभमन गिल का बल्लेबाजी औसत 35.05 था, जो अब सीरीज़ खत्म होने के बाद बढ़कर 41.35 हो गया है। यानी विराट कोहली की तरह शुभमन गिल भी कप्तान बनते ही बेहतर बल्लेबाज़ी करने लगे हैं। शुभमन गिल ने इस सीरीज़ के दौरान कुल चार शतक लगाए और एक बार दोहरा शतक भी जड़ने में कामयाब रहे। यह पहला मौका था जब गिल ने दोहरा शतक लगाया। एक बल्लेबाज़ के तौर पर गिल में निखार आया है और कप्तान के तौर पर गिल बिल्कुल बदले हुए नज़र आए। यही वजह रही कि भारतीय टीम आख़िरकार इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट सीरीज़ जीतने में कामयाब रही।

शुभमन गिल के लिए यह सीरीज़ काफ़ी सफल रही।
शुभमन गिल ने इस सीरीज़ के दौरान 750 से ज़्यादा रन बनाए और कई पुराने रिकॉर्ड भी तोड़े। शुभमन की बल्लेबाज़ी पर कभी किसी को शक नहीं हुआ, बस देखने वाली बात थी कि कप्तान बनने के बाद वह कैसी बल्लेबाज़ी करते हैं। बतौर ओपनर टेस्ट करियर शुरू करने के बाद वह तीसरे नंबर पर आए और फिर कप्तान बनते ही चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने लगे। गिल ने बतौर कप्तान अपना पहला टेस्ट पास कर लिया है, लेकिन अब जब वह भविष्य में अपने देश में कप्तानी करेंगे तो देखना होगा कि गिल क्या कमाल करते हैं।

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