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वीडियो में जाने कैसे अतीत की यादें आपके वर्तमान और करियर को करती है प्रभावित, जाने कैसे करे इनका सकरात्मक उपयोग

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हम सभी के जीवन में कुछ घटनाएं, रिश्ते, अनुभव और भावनाएं होती हैं जो हमारे अतीत से जुड़ी होती हैं। ये यादें कभी मीठी होती हैं तो कभी कड़वी, लेकिन एक बात तय है – वे हमारे वर्तमान जीवन और करियर पर गहरा प्रभाव डालती हैं। जब हम ‘अतीत की यादों’ की बात करते हैं, तो यह केवल बचपन के खेल या किसी पुराने मित्र की याद भर नहीं होती, बल्कि यह हमारे व्यक्तित्व, निर्णय लेने की क्षमता, आत्मविश्वास, व्यवहार और करियर की दिशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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अतीत और मनोविज्ञान का संबंध
मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि व्यक्ति का आज जो व्यवहार है, वह उसके अतीत की ही उपज है। बचपन में मिले अनुभव, माता-पिता या समाज से मिले मूल्य, स्कूल या कॉलेज की घटनाएं – ये सभी हमारी सोचने की शैली और प्रतिक्रिया के तरीके को निर्धारित करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को बचपन में बार-बार यह महसूस कराया गया कि वह कुछ नहीं कर सकता, तो वह व्यक्ति आगे चलकर किसी भी नए कार्य में हाथ डालने से पहले ही डरने लगता है। इसके विपरीत, यदि किसी को प्रोत्साहन और सराहना मिली हो, तो वह अधिक आत्मविश्वास से भरे निर्णय लेता है।

अतीत के अनुभव और करियर की दिशा
करियर चयन में भी अतीत की भूमिका अहम होती है। बचपन में देखा गया कोई सपना, किसी रिश्तेदार की प्रेरणा या फिर स्कूल में किसी विषय में मिली असफलता, ये सब हमारे भविष्य के प्रोफेशन को प्रभावित करते हैं। जैसे कोई बच्चा जिसने अपने पिता को डॉक्टर की नौकरी करते देखा हो और वह अपने पिता को आदर्श मानता हो, तो उसके डॉक्टर बनने की संभावना अधिक होती है। इसी तरह, किसी ने यदि गरीबी या संघर्ष को देखा हो, तो वह जीवन में स्थिरता और सुरक्षा के लिए सरकारी नौकरी की ओर झुकाव दिखा सकता है।

अतीत की असफलताएं: सबक या बोझ?
कई बार अतीत की असफलताएं हमारे लिए एक मानसिक बोझ बन जाती हैं। लोग कहते हैं “अतीत को भूल जाओ”, लेकिन मनुष्य का मस्तिष्क हर अनुभव को कहीं न कहीं संजो कर रखता है। यदि इन्हें सही तरीके से न संभाला जाए, तो ये अनुभव आगे के अवसरों को पहचानने और उनका लाभ उठाने में बाधा बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति यदि किसी इंटरव्यू में असफल हो गया हो और उसे अपमान या अस्वीकार का अनुभव हुआ हो, तो अगली बार वह इंटरव्यू में जाने से पहले ही नकारात्मक सोच से भर जाता है। इससे उसके प्रदर्शन पर भी असर पड़ता है।

लेकिन यदि हम इन्हीं अनुभवों से सबक लें और उन्हें अपने आत्मविकास का माध्यम बनाएं, तो यही असफलताएं भविष्य में हमारी सबसे बड़ी ताकत बन सकती हैं। सफल लोग अक्सर कहते हैं कि उन्होंने अपनी असफलताओं से ही सबसे ज्यादा सीखा।

अतीत की मीठी यादें: प्रेरणा का स्रोत
हर व्यक्ति के जीवन में कुछ मधुर स्मृतियां होती हैं – कोई पुरस्कार पाना, शिक्षक की तारीफ, परिवार के साथ बिताया कोई खास पल – ये यादें कठिन समय में हमें भावनात्मक संबल देती हैं। जब हम थक जाते हैं, निराश हो जाते हैं या जीवन से हार मानने लगते हैं, तब यही मीठी यादें हमें आगे बढ़ने की ताकत देती हैं। कई बार कोई पुराना फोटो, डायरी का पन्ना या पुराने दोस्त से बातचीत हमारा मनोबल बढ़ा देती है।

कैसे करें अतीत का सकारात्मक उपयोग?
आत्मविश्लेषण करें: समय निकालकर सोचें कि आपके अतीत में कौन-से अनुभव आपको आगे बढ़ने से रोक रहे हैं और कौन-से प्रेरणा देते हैं।
जर्नलिंग की आदत डालें: रोजाना अपने विचारों और भावनाओं को लिखने से मन हल्का होता है और यादों को समझने में मदद मिलती है।
पेशेवर सहायता लें: यदि अतीत का कोई अनुभव आपको बार-बार मानसिक रूप से परेशान करता है, तो किसी मनोवैज्ञानिक की सहायता लें।
माफ करना सीखें: अतीत में जिन्होंने आपको दुख पहुंचाया, उन्हें माफ करना अपने लिए सबसे बड़ी राहत होती है।
सीख लेकर आगे बढ़ें: हर अनुभव से कुछ न कुछ सिखने की कोशिश करें और उसे वर्तमान में लागू करें।

अतीत को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन उसे सही तरीके से समझा और इस्तेमाल किया जा सकता है। हमारी यादें चाहे जैसी भी हों, वे हमें एक खास इंसान बनाती हैं। हमें केवल यह तय करना है कि हम उन यादों को अपने जीवन की बाधा बनाएंगे या प्रेरणा का स्रोत। अगर हम अपने अतीत की गलतियों से सीखकर अपने आज को बेहतर बनाएं, तो भविष्य अपने आप ही उज्ज्वल हो जाएगा।

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