Home व्यापार वैश्विक अस्थिरता के बीच भारतीय बैंकों की एसेट क्वालिटी स्थिर : मूडीज

वैश्विक अस्थिरता के बीच भारतीय बैंकों की एसेट क्वालिटी स्थिर : मूडीज

4
0

मुंबई, 4 जून (आईएएनएस)। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भारतीय बैंक अगले 12 महीनों के लिए स्थिर एसेट क्वालिटी बनाए रखने में सक्षम हैं।

मूडीज के अनुसार, घरेलू आर्थिक स्थितियां विकास के लिए सहायक बनी हुई हैं, जिससे भारतीय बैंकों को अपने लोन अकाउंट का प्रभावी प्रबंधन करने में मदद मिल रही है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगले एक साल में भारतीय बैंकों का नॉन-परफॉर्मिंग लोन (एनपीएल) रेश्यो 2 से 3 प्रतिशत के बीच में रह सकता है।

दिसंबर 2024 तक बैंक का एनपीएल रेश्यो 2.5 प्रतिशत के करीब था, जो कि इस सेक्टर में एसेट क्वालिटी स्थिर होने का मजबूत सूचकांक है।

रेटिंग एजेंसी ने सकारात्मक आउटलुक ऐसे समय पर जारी किया है, जब आरबीआई एमपीसी में ब्याज दरों में कटौती की संभावना के कारण बैंकिंग शेयरों की ओर निवेशकों का झुकाव देखा जा रहा है।

बैंकों का मुख्य सूचकांक निफ्टी बैंक अपने ऑल-टाइम हाई के करीब कारोबार कर रहा है। दोपहर के कारोबार में यह 62 अंक या 0.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 55,662.45 पर था। मंगलवार को इसने 56,161.40 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया था।

ब्याज दरों की समीक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक आज से शुरू हो गई है। अर्थशास्त्री और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।

अर्थव्यवस्था में ब्याज दर कटौती के लिए सकारात्मक परिस्थितियों के कारण बाजार के जानकार मान रहे हैं कि इस बार केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है, जिससे यह घटकर 5.75 प्रतिशत पर आ जाएगी, जो कि फिलहाल 6 प्रतिशत है।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च ने कहा, “एमपीसी ने स्पष्ट रूप से न्यूट्रल से अकोमोडेटिव रुख अपनाया है, जो आरबीआई की तरलता बढ़ाने और विकास को समर्थन देने की मंशा को दर्शाता है। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर के 3.2 प्रतिशत पर आ जाने से यह स्थिति और मजबूत हुई है, जो जुलाई 2019 के बाद महंगाई का सबसे कम स्तर है।”

–आईएएनएस

एबीएस/

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here