Home व्यापार वैश्विक चुनौतियों के बाद भी भारत की विकास दर वित्त वर्ष 26...

वैश्विक चुनौतियों के बाद भी भारत की विकास दर वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है : क्रिसिल

10
0

नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिकी ट्रेड टैरिफ और वैश्विक अस्थिरता जैसी चुनौतियों के बाद भी भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है। यह जानकारी गुरुवार को क्रिसिल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दी गई।

यह पूर्वानुमान दो मान्यताओं पर आधारित है। इनमें पहला सामान्य मानसून और दूसरा कमोडिटी की कीमतों में नरमी जारी रहना है।

रिपोर्ट में कहा गया कि घटती महंगाई, आम बजट 2025-26 में टैक्स छूट की घोषणा और ब्याज दरों के कम होने से खपत बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में बताया गया कि हाई फ्रीक्वेंसी डेटा जैसे परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) डेटा के मुताबिक, भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अपना शीर्ष स्थान बनाए हुए है।

क्रिसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, अमीश मेहता ने कहा कि भारत की मजबूती की फिर से परीक्षा हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में तेज आर्थिक विकास, कम चालू खाता घाटा और बाहरी सार्वजनिक ऋण और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार ने बाहरी झटकों से सुरक्षित रखने में मदद की है। साथ ही इससे पर्याप्त नीतिगत स्वतंत्रता भी मिली है।

आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्र खपत का नेतृत्व कर रहा है, लेकिन छोटी अवधि की वृद्धि के लिए शहरी मांग जरूरी है।

मेहता ने आगे कहा कि दूसरी ओर, निरंतर निवेश और दक्षता लाभ मध्यम अवधि में सहायक होंगे। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2031 तक मैन्युफैक्चरिंग और सेवा दोनों क्षेत्र विकास को समर्थन देंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-31 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर औसतन 9.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो महामारी के पूर्व दशक में औसतन 6 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि सर्विसेज सेक्टर ग्रोथ को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता रहेगा, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी जारी रहेगी। वित्त वर्ष 26 में 20 प्रतिशत हो सकती है, जो कि वित्त वर्ष 25 में 17 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि अगले वित्त वर्ष में रेपो रेट में 50 से 75 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है।

–आईएएनएस

एबीएस/

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here