क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय क्रिकेट टीम जहां एक ओर इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज की तैयारियों में जुटी है, वहीं दूसरी ओर पूर्व कोच रवि शास्त्री ने एक मजेदार लेकिन महत्वपूर्ण किस्सा साझा कर हलचल मचा दी है। यह किस्सा जुड़ा है 2018 के साउथ अफ्रीका दौरे से, जब जोहान्सबर्ग टेस्ट में भारत ने 63 रनों से जीत दर्ज की थी।
शास्त्री ने इस किस्से को टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण के साथ साझा करते हुए बताया कि कैसे मोहम्मद शमी को ‘बिरयानी’ खाने से रोकने का फैसला टीम की जीत का कारण बना।
क्या है पूरी कहानी?
शास्त्री और भरत अरुण के अनुसार, 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले टीम का माहौल बेहद तनावपूर्ण था। भारतीय बल्लेबाजों को उछाल भरी पिच पर संघर्ष करना पड़ रहा था और मैच काफी करीबी लग रहा था।
शास्त्री बताते हैं, “टेस्ट मैच से पहले का माहौल बहुत ही नाजुक था। हमने तय किया कि खिलाड़ियों को हल्का खाना दिया जाए ताकि फील्ड पर वे पूरी तरह चुस्त रहें। तभी हमने शमी को बिरयानी से दूर रहने की सलाह दी।”
भरत अरुण ने आगे बताया, “शमी बिरयानी के बहुत शौकीन हैं। लेकिन हमने उन्हें समझाया कि अगर वे खुद को फिट रखेंगे तो अगले दिन विकेट लेकर हीरो बन सकते हैं। शमी ने हमारी बात मानी।”
अगली सुबह हुआ चमत्कार
खेल के चौथे दिन जब साउथ अफ्रीकी टीम लक्ष्य का पीछा कर रही थी, तब मोहम्मद शमी ने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट झटके। शमी की धारदार गेंदबाज़ी के दम पर भारत ने 63 रनों से मैच जीत लिया। यह जीत उस सीरीज की एकमात्र जीत थी और भारतीय तेज गेंदबाज़ी यूनिट की काबिलियत का बड़ा प्रमाण बनी।
शास्त्री हंसते हुए कहते हैं, “शमी को बिरयानी न देने का फैसला हमारे कोचिंग करियर की सबसे स्वादिष्ट रणनीति साबित हुआ।”
क्यों खास है यह किस्सा?
इस कहानी के ज़रिए शास्त्री ने यह दिखाया कि खिलाड़ी की फिटनेस और मैच से पहले की दिनचर्या किस तरह टीम के प्रदर्शन पर असर डालती है। ये सिर्फ डाइट चार्ट की बात नहीं थी, बल्कि मानसिक अनुशासन और टीम वर्क की भी कहानी थी।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए दिलचस्प याद
यह किस्सा सुनकर सोशल मीडिया पर फैंस भी जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह ना सिर्फ एक हल्का-फुल्का, मज़ेदार अनुभव है बल्कि यह दिखाता है कि कैसे बड़ी जीतें छोटी-छोटी रणनीतियों और त्याग के बल पर हासिल होती हैं।