मानसून का मौसम शुरू हो चुका है, एक तरफ जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। बारिश के मौसम में कई लोगों को संक्रमण, एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तापमान में अचानक बदलाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे शरीर सर्दी, जुकाम और बुखार जैसी मौसमी बीमारियों का शिकार हो जाता है। ऐसे में शरीर को पोषण देना बहुत जरूरी हो जाता है। इसके लिए आप आयुर्वेदिक तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नीम के पत्ते
नीम अपने एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और रक्त शोधक गुणों के लिए जाना जाता है, जो इसे त्वचा को संक्रमण से बचाने के लिए एक बेहतरीन उपाय बनाता है, जो आर्द्र जलवायु में एक आम समस्या है। आप नहाने के लिए नीम के पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह चकत्ते, खुजली और फंगल संक्रमण को रोकने में मदद करता है। इसके लिए आप नीम का पेस्ट बनाकर अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं।
अजवाइन का पानी
अजवाइन का पानी पाचन को बेहतर बनाने और पेट फूलना, एसिडिटी और अपच से राहत दिलाने के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय है, जो बारिश के मौसम में पेट की आम बीमारियाँ हैं। इसके लिए खाने के बाद गर्म अजवाइन का पानी पिएं; यह पाचन को बेहतर बनाता है। इसके साथ ही यह शरीर को अंदर से साफ रखता है।
नींबू और अदरक की चाय
नींबू और अदरक दोनों ही डिटॉक्सिफाइंग गुणों से भरपूर होते हैं। नींबू और अदरक की चाय शरीर से अशुद्धियाँ निकालती है और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाती है। इसके साथ ही यह चाय पेट की चर्बी कम करती है और संक्रमण और फ्लू से भी बचाती है।
गुड़हल की चाय
गुड़हल की चाय का नाम आपने शायद ही सुना हो। फूलों से बनी यह चाय भारत में नई है, लेकिन इसके फायदे बहुत हैं। गुड़हल की चाय शरीर में फैट जमा होने से रोकती है और डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ाती है। इसमें विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है, जो इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।
पुदीने की चाय
पुदीने की ठंडक न केवल स्वाद के लिए अच्छी होती है बल्कि पेट की सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। पुदीने की चाय पाचन को बेहतर बनाती है और अपच या गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। साथ ही यह शरीर को हल्का और तरोताजा रखती है। साथ ही यह इम्युनिटी को मजबूत रखने में मदद करती है।