Home लाइफ स्टाइल शीतला अष्टमी के दिन भूल से भी न करें ये गलतियां, वरना...

शीतला अष्टमी के दिन भूल से भी न करें ये गलतियां, वरना परेशानियों मे घिर सकता है जीवन

12
0

हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संक्रामक रोगों से बचाव और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए रखा जाता है। इस दिन देवी शीतला की विधि-विधान से पूजा की जाती है तथा उन्हें बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रोग की देवी माता शीतला का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर है। इस बार शीतला सप्तमी 21 मार्च और शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025 को है। बासी भोजन खाने की परंपरा के कारण इस दिन को ‘बासौड़ा पर्व’ के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शीतला अष्टमी व्रत के दिन कुछ ऐसे कार्य हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। यदि ये गलतियां की जाएं तो जीवन में संकटों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं शीतला अष्टमी का क्या महत्व है और इस अवसर पर कौन से काम करने से बचना चाहिए?

शीतला अष्टमी का महत्व

माता शीतला को रोगों को दूर करने वाली देवी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विशेष पूजा करने से व्यक्ति संक्रामक रोगों से मुक्त हो जाता है और उसे स्वास्थ्य लाभ मिलता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे स्वास्थ्य सुरक्षा का भी उपाय माना जाता है। बासी भोजन करने की परंपरा एक तरह से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि इससे पाचन तंत्र हल्का रहता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

शीतला अष्टमी के दिन क्या करना चाहिए?

शीतला अष्टमी के दिन पूजा करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:

प्रातः व्रत संकल्प: इस दिन का व्रत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर, पूरे मन से संकल्प लेकर करना चाहिए।

बासी भोजन: इस दिन देवी शीतला को बासी भोजन भी अर्पित करना चाहिए। बासी भोजन का सेवन करने से संक्रामक रोगों से बचाव होता है तथा शांति प्राप्त होती है।

पूजा विधि: पूजा के दौरान माता शीतला के साथ-साथ घर के हर सदस्य के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें। व्रत रखने के साथ-साथ पूरे दिन माता का ध्यान रखकर पूजा करें।

चूल्हा न जलाएं: इस दिन चूल्हा जलाना वर्जित है, क्योंकि यह दिन विशेष रूप से बासी भोजन खाने और ताजा भोजन से परहेज करने का होता है। इसलिए इस दिन घर में कोई नया भोजन न बनाएं और भोजन एक दिन पहले ही तैयार कर लें।

शीतला अष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

ताजा भोजन पकाना: शीतला अष्टमी के दिन भूलकर भी चूल्हा न जलाएं और न ही ताजा भोजन पकाएं। यह उपवास के उद्देश्यों के विरुद्ध है और इससे पुण्य की हानि हो सकती है।

गर्म भोजन या चाय का सेवन: इस दिन गर्म भोजन, चाय या अन्य गर्म पेय पदार्थों का सेवन भी वर्जित है। ऐसा करने से माता शीतला नाराज हो सकती हैं।

घर की साफ-सफाई: शीतला अष्टमी के दिन घर में अधिक साफ-सफाई और झाड़ू-पोछा करने की मनाही होती है। ऐसा करने से व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं होता है और व्रत करने वाले व्यक्ति यानी व्रती को उचित फल प्राप्त नहीं होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here