सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार कमजोर नजर आया। शुरुआती कारोबार में बाजार कुछ समय तक हरे निशान पर रहा, लेकिन फिर पटरी से उतर गया। कारोबार समाप्ति पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 191.51 अंक गिरकर 77,414.92 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 72.60 अंक गिरकर 23,519.35 पर आ गया। इससे पहले बाजार 27 मार्च को बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा था।
ट्रम्प टैरिफ का डर
बाजार में आज की गिरावट का कारण वही है, डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ का डर। ट्रम्प 2 अप्रैल को कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगा सकते हैं, इन देशों में भारत का भी नाम है। पारस्परिक टैरिफ को काउंटर टैरिफ भी कहा जा सकता है। ट्रम्प कहते रहे हैं कि अमेरिका अन्य देशों पर उसी अनुपात में टैरिफ लगाएगा जिस अनुपात में वे अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाते हैं। यदि अमेरिका भारत से आने वाले सभी उत्पादों पर पारस्परिक टैरिफ लगाता है तो मुश्किल बढ़ सकती है। निवेशक इसको लेकर सतर्क हैं।
निफ्टी ऑटो इंडेक्स में गिरावट
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप के टैरिफ को लेकर अनिश्चितताओं के कारण अगले कुछ दिनों में बाजार में मंदी देखने को मिल सकती है। निवेशक पिछले 5 महीनों से बाजार का दबाव महसूस कर रहे हैं, इसलिए वे फिलहाल कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं हैं। वह अगले कुछ दिनों तक बाजार पर कड़ी नजर रखेंगे और यदि टैरिफ से कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है, तो वह पुनः निवेश करना शुरू कर देंगे। ट्रम्प ने हाल ही में ऑटो टैरिफ की घोषणा की है, इससे भारतीय बाजार की चाल भी प्रभावित हुई है। निफ्टी ऑटो इंडेक्स में आज 1% से अधिक की गिरावट आई है।
फार्मा क्षेत्र में भी चिंताएं हैं।
भारत अमेरिका को बहुत अधिक निर्यात करता है। इसमें दवाइयां भी शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार, भारत के कुल दवा निर्यात में अमेरिका का हिस्सा लगभग एक तिहाई है। यदि यहां पारस्परिक टैरिफ लागू किया गया तो हमारी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस डर से निफ्टी फार्मा इंडेक्स 0.65 फीसदी तक फिसल गया है। कुल मिलाकर, ट्रम्प के टैरिफ का डर सभी क्षेत्रों में देखा गया है। 2 अप्रैल को जो कुछ भी होगा, उससे बाजार की आगे की दिशा तय होगी।
एशियाई बाजार दबाव में
एशियाई बाजारों की बात करें तो डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का डर लगभग हर जगह दिखाई दिया। दक्षिण कोरिया और जापान के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली दर्ज की गई। ट्रम्प के ऑटो टैरिफ के कारण यहां ऑटो कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। जापान के निक्केई सूचकांक में 1.80% की गिरावट देखी गई। इसी प्रकार, दक्षिण कोरिया का बेंचमार्क सूचकांक लगभग 2% गिर गया। इसके साथ ही थाईलैंड स्टॉक एक्सचेंज (एसईटी) को दोपहर के सत्र में सभी व्यापारिक गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना पड़ा। दरअसल, ऐसा म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के मद्देनजर किया गया था और इसके झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए थे।