सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र शुक्रवार (6 जून) को भारतीय शेयर बाजार सपाट या हरे निशान में खुल सकते हैं। सुबह 7:55 बजे गिफ्ट निफ्टी वायदा 18.50 अंक या 0.07% बढ़कर 24,852.50 पर था। यह बाजार के सपाट या मामूली खुलने का संकेत देता है। इससे पहले गुरुवार को बाजार लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ बंद हुआ था।
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी-50 और सेंसेक्स की चाल कई प्रमुख कारकों पर निर्भर करेगी। इनमें आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का फैसला, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के शी जिनपिंग के बीच नए सिरे से व्यापार वार्ता, विदेशी निवेशकों की धारणा और वैश्विक बाजारों से संकेत शामिल हैं।
आरबीआई आज रेपो रेट पर फैसला सुनाएगा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करेगा। ऐसे में निवेशकों की निगाहें न केवल ब्याज दरों पर फैसले पर रहेंगी, बल्कि केंद्रीय बैंक के रुख और विकास तथा मुद्रास्फीति की गतिशीलता के बीच आगे के मार्गदर्शन पर भी रहेंगी। छह सदस्यों वाली एमपीसी ने फरवरी और अप्रैल की अपनी बैठकों में लगातार 25 आधार अंकों की कटौती की है। यह कदम आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए अधिक उदार रुख की ओर बदलाव का संकेत देता है।
वैश्विक बाजारों के संकेत क्या हैं?
एशियाई बाजारों में तेजी देखी गई। निवेशकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच फोन पर बातचीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव कम होने की उम्मीदें फिर से जगी हैं। जापान का निक्केई सूचकांक 0.31 प्रतिशत बढ़ा। जबकि टॉपिक्स में 0.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कोस्पी में 1.49 प्रतिशत और एएसएक्स200 में 0.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई। टेस्ला के शेयरों में गिरावट के कारण वॉल स्ट्रीट पर प्रमुख अमेरिकी सूचकांक रात भर कम बंद हुए। एसएंडपी 500 में 0.53 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक में 0.83 प्रतिशत की गिरावट आई। डाउ जोंस में 0.25 फीसदी की गिरावट आई।
गुरुवार को कैसा रहा बाजार का हाल?
गुरुवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 443.79 अंक या 0.55 फीसदी की तेजी के साथ 81,442.04 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी-50 130.70 अंक या 0.53 फीसदी की तेजी के साथ 24,750 पर बंद हुआ। ब्रोकरेज कंपनियों के तेजी भरे रुख के चलते आज फार्मा कंपनियों के शेयरों में तेजी रही और इसका असर भी बाजार पर पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में और कटौती की उम्मीदों ने भी बाजार को ऊपर चढ़ने में मदद की।