अगर आप बैंक की नौकरी का सपना देख रहे हैं और इसकी तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए ये समय काफी खास हो सकता है। केंद्र सरकार के अधीन पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSBs) में इस साल करीब 50,000 नई भर्तियों की तैयारी हो रही है। इन भर्तियों में 21,000 अधिकारी स्तर के पद होंगे, जबकि बाकी क्लर्क और अन्य सहायक कर्मचारी होंगे। लंबे समय से बैंकों में स्टाफ की कमी के कारण जो दबाव देखने को मिल रहा था, उसे कम करने के लिए ये कदम उठाया गया है।
क्यों जरूरी हो गई हैं ये भर्तियां?
पिछले कुछ सालों में रिटायरमेंट, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और अन्य कारणों से सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही थी। इसके चलते बैंकिंग सेक्टर में काम का लोड बढ़ता जा रहा था, जिससे ग्राहकों को भी सेवाओं में देरी का सामना करना पड़ता था। अब जब इतनी बड़ी संख्या में नई भर्तियों की घोषणा हुई है, तो इससे बैंकों की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होगी और सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
एसबीआई में सबसे अधिक भर्तियां
सरकारी बैंकों में सबसे बड़ी भर्ती भारतीय स्टेट बैंक (SBI) कर रहा है। इस वित्त वर्ष में SBI करीब 20,000 कर्मचारियों की भर्ती करने जा रहा है, जिसमें विशेषज्ञ अधिकारी, प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) और जूनियर एसोसिएट्स शामिल हैं।
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अब तक 505 पीओ और 13,455 जूनियर एसोसिएट्स की भर्ती की जा चुकी है।
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ये भर्तियां देशभर के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रिक्त पदों को भरने के लिए की गई हैं।
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मार्च 2025 तक SBI के कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 2,36,226 हो जाएगी।
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बैंक में हर साल केवल 2% से कम कर्मचारी इस्तीफा देते हैं, जिससे यह एक स्थिर और सुरक्षित करियर विकल्प बनता है।
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बैंक प्रति कर्मचारी भर्ती पर औसतन ₹40,440.59 का खर्च करता है।
पीएनबी और सेंट्रल बैंक भी कर रहे हैं बड़ी भर्तियां
SBI के बाद, देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) भी इस वित्त वर्ष में 5,500 नई भर्तियों का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
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मार्च 2025 तक PNB के कर्मचारियों की संख्या 1,02,746 पहुंचने की उम्मीद है।
इसी तरह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया भी इस साल लगभग 4,000 नए कर्मचारियों की भर्ती की योजना बना रहा है। इसका मकसद है सेवा गुणवत्ता को बेहतर करना और रिटायर हो रहे कर्मचारियों की जगह नई भर्ती से खाली पदों को भरना।
वित्त मंत्रालय की बड़ी सलाह
भर्तियों के साथ-साथ वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को यह सलाह भी दी है कि वे अपनी सहायक कंपनियों या संयुक्त उद्यमों को मजबूत बनाएं और जब समय अनुकूल हो, तो उन्हें शेयर बाजारों में सूचीबद्ध करके (IPO या डिसइन्वेस्टमेंट) पूंजी जुटाएं।
मंत्रालय के अनुसार,
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पब्लिक सेक्टर बैंकों की करीब 15 सहायक कंपनियां मध्यम से लंबी अवधि में आईपीओ के लिए तैयार हैं।
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बैंकों को अपनी पूंजी का सही उपयोग करते हुए, निवेश से उचित रिटर्न सुनिश्चित करना चाहिए।
बैंकिंग सेक्टर में अवसरों की बहार
इतनी बड़ी संख्या में होने वाली सरकारी भर्तियों से यह स्पष्ट है कि बैंकिंग सेक्टर फिर से नौजवानों के लिए सुरक्षित और आकर्षक करियर ऑप्शन बनकर उभर रहा है। खासतौर पर उन छात्रों के लिए, जो IBPS, SBI या अन्य बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, ये अवसर करियर में स्थायित्व और अच्छे वेतन के साथ पेश आ रहे हैं।