टेक न्यूज़ डेस्क – पिछले कुछ समय में साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं। स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। स्कैमर्स तरकीबें अपनाकर आम लोगों की निजी जानकारी में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं। अब इन दिनों मार्केट में एक नया स्कैम आया है, जो जिंदा लोगों की जगह मरे हुए लोगों के साथ हो रहा है। आप कहेंगे क्या अजीब बात है, ऐसा कैसे हो सकता है? जी हां, पहली बार सुनने में यह अजीब लग सकता है। लेकिन इन दिनों मार्केट में ‘घोस्ट हैकर्स’ का एक गैंग घूम रहा है। यह गैंग बड़ी ही चालाकी से मरे हुए लोगों को अपना निशाना बनाता है। आखिर यह स्कैम क्या है और स्कैमर्स ऐसा क्यों कर रहे हैं? आइए जानते हैं।
क्या है ‘घोस्ट हैकर्स’ का गैंग
घोस्ट हैकर्स उन लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट को अपना निशाना बनाते हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। इनका मकसद मृत व्यक्ति की निजी जानकारी चुराना होता है। अगर उन्हें किसी मृत व्यक्ति की निजी जानकारी मिल जाती है, तो वे उसके सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने की कोशिश करते हैं। स्कैमर्स मृत व्यक्ति के अकाउंट से किसी को भी मैसेज भेजकर पैसे मांगते हैं।
सोशल अकाउंट को टारगेट करें
उदाहरण के लिए, स्कैमर्स ऐसा जाल बिछाते हैं जिसमें कोई न कोई फंस ही जाता है। वे ऐसे लोगों को फंसाने के लिए टारगेट करते हैं, जिनका मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं होता। अकाउंट तक पहुंच पाने के बाद स्कैमर्स सबसे पहले सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जान-पहचान बनाते हैं। और जब उन्हें लगता है कि अब स्कैम को अंजाम दिया जा सकता है, तो वे अपना असली काम शुरू कर देते हैं। फ्रॉड स्कैमर्स को पकड़ना आसान नहीं होता। क्योंकि एक बार स्कैम को अंजाम देने के बाद वे गायब हो जाते हैं।
इससे बचने का तरीका क्या है?
इस तरह के स्कैम से बचने का तरीका यह है कि व्यक्ति की मौत के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट तक पहुंच हासिल कर ली जाए। फेसबुक व्यक्ति की मौत के बाद अकाउंट को नॉमिनी के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति देता है। सेटिंग्स में जाकर आपको ‘मेमोरियलाइजेशन’ में दो विकल्प मिलते हैं। पहला है ‘मेमोरियलाइज’, यानी किसी भी व्यक्ति को नॉमिनी के तौर पर चुना जा सकता है। दूसरा है अकाउंट डिलीट करने का विकल्प। अगर आप इनमें से कोई एक विकल्प चुनते हैं और आगे बढ़ते हैं, तो आपको लीगेसी कॉन्टैक्ट चुनने का विकल्प मिलेगा। जिसमें किसी भी पारिवारिक सदस्य, दोस्त या प्रियजन को चुना जा सकता है। फेसबुक की तरह इंस्टाग्राम भी ‘मेमोरियलाइजेशन’ फीचर प्रदान करता है।