रेलवे स्टेशन, बस डिपो, मॉल जैसी जगहों पर कुल्हड़ की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अगर आप कोई ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं जिसमें बड़ी कमाई हो और पूंजी कम हो तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आज हम आपको एक ऐसा बिजनेस आइडिया दे रहे हैं जिसे 5,000 रुपए के निवेश से शुरू किया जा सकता है। मोदी सरकार भी इस बिजनेस को शुरू करने में मदद कर रही है। यह कुल्हड़ बनाने का व्यवसाय है। हर गली, हर नुक्कड़ पर कुल्हड़ चाय की मांग है। वैसे भी आजकल लोग प्लास्टिक के कप में चाय पीना कम पसंद करते हैं। कुल्हड़ एकल उपयोग प्लास्टिक का बेहतर विकल्प बनकर उभरा है।
सरकार कुल्हड़ बनाने के लिए इलेक्ट्रिक चाक उपलब्ध कराती है। जिसकी मदद से आप आसानी से कुल्हाड़ी बना सकते हैं। खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कुछ समय पहले जानकारी दी थी कि वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने 25,000 इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए थे। सरकार भी इन कुल्हाड़ियों को अच्छे दामों पर खरीदती है।
कुल्हड़ बनाने के लिए आवश्यक कच्चा माल
कच्चे माल की बात करें तो इसे बनाने में अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इसे किसी नदी या तालाब के आसपास से लिया जा सकता है। दूसरा कच्चा माल साँचा है। आप जिस आकार की कुल्हाड़ी बनाना चाहते हैं उसके अनुसार आप बाजार से साँचा खरीद सकते हैं। एक बार कुल्हड़ बन जाने के बाद उसे मजबूत बनाने के लिए उसे पकाना पड़ता है। इसके लिए बड़े आकार की भट्टी की आवश्यकता होती है। भट्ठी बनाने के बाद आप इसमें बने कुल्लड़ को पका सकते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के कारण जल्द ही रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, हवाई अड्डों और मॉल में कुल्हड़ की मांग बढ़ सकती है।
कुल्हड़ से कितनी कमाई होगी?
चाय का कुल्हड़ किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी सुरक्षित माना जाता है। मौजूदा रेट की बात करें तो एक चाय के कुल्हड़ की कीमत करीब 50 रुपये प्रति सैकड़ा है। इसी प्रकार, लस्सी के एक जग की कीमत 150 रुपये प्रति 100 है, दूध के एक जग की कीमत 150 रुपये प्रति 100 है तथा एक कप की कीमत 100 रुपये प्रति 100 है। मांग बढ़ने पर बेहतर दरें मिलने की भी संभावना है। अब सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद इसकी कीमतें और बढ़ सकती हैं।